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महिला दिवस स्पेशल: गंगा प्रहरी बन ला रहीं स्वच्छ्ता, बच्चों को दे रहीं शिक्षा

देश की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. पुरुष प्रधान देश में महिलाओं का बड़ा दबदबा है. वह आज पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर नहीं बल्कि आगे बढ़कर सफलता के नए-नए कीर्तिमान रच रही है. ऐसी ही एक कहानी है गंगा प्रहरी रमा तिवारी की देखिए एक रिपोर्ट...

गंगा प्रहरी रमा तिवारी.
गंगा प्रहरी रमा तिवारी.

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Published : Mar 5, 2021, 8:16 PM IST

कन्नौजःरमा तिवारी गंगा प्रहरी के रूप में न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सफल बना रही हैं. बल्कि भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करते हुए मां गंगा की सेवा में लगी हुई हैं. सरकार ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों से रमा को सम्मानित कराया है.

स्पेशल रिपोर्ट.

स्वच्छाग्राही बनकर की थी शुरुआत

जिले के छोटे से गांव गंगागंज मेहंदीपुर की रहने वाली रमा तिवारी के पिता गंगा जगमोहन तिवारी पेशे से किसान हैं. उनकी मां मीना तिवारी गृहणी हैं. उसके बावजूद रमा तिवारी ने अपने सपनों को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज जिले की यूथ आइकन के रूप में पहचानी जाती हैं.

गंगा घाट की सफाई करती रमा तिवारी.

एमए में समाजशास्त्र की पढ़ाई कर चुकी रमा तिवारी गंगा प्रहरी बनकर मां गंगा को दूषित होने से बचा रही हैं. गंगा घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं, मछुआरों के साथ-साथ ग्रामीणों में स्वच्छता की अलख जगा रही हैं. उनकी टीम गांव-गांव जाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही है. रमा तिवारी बताती हैं कि पहली बार उन्हें स्वच्छताग्राही के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद लोगों के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा जागी. उन्होंने विकास भवन पहुंचकर स्वच्छताग्राही के बारे में जानकारी ली. साथ ही स्वच्छताग्राही का फॉर्म भी भरा. बताया कि उनका सिलेक्शन स्वच्छताग्राही की लिए हो गया. इसके बाद तिर्वा मेडिकल कॉलेज में 5 दिन से ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम शुरू कर दिया.

गंगा घाट की साफ-सफाई करती रमा तिवारी की टीम.

अपनी ग्राम पंचायत को बनाया ओडीएफ

रमा ने बताया कि स्वच्छताग्राही बनने के बाद में सबसे पहले उनको अपनी ही ग्राम पंचायत मेहंदीपुर ओडीएफ बनाने की जिम्मेदारी मिली. बताती हैं कि गांव में काम करना काफी मुश्किल था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. लोगों को स्वच्छता के बारे में बताने और साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया. जल्द इसमें कामयाबी भी मिली. गंगा किनारे बसे गांवों में मेंहदीपुर को पहली ओडीएफ ग्राम पंचायत होने का दर्जा भी मिला. इसके बाद डीएम ने उन्हें सम्मानित भी किया.

रमा को मिला अवार्ड.

टीम बनाकर गंगा घाट को स्वच्छ बनाने की चलाई मुहिम

रमा तिवारी नेबताया कि ग्राम पंचायत के बाद उनको ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई. गांव जाकर लोगों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ टीम बनाकर उनको जोड़ने का भी काम किया. टीम बनने के बाद गंगा घाट पर जाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने काम शुरू किया. बताया कि मिशन की शुरुआत सबसे पहले घाट पर रहने वाले बाबाओं से की. उसके बाद मछुआरों फिर गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को साफ सफाई के बारे में जानकारी दी. घाटों पर कूड़ा करकट न फैले इसके लिए जगह डस्टबिन भी रखवाए. इसके अलावा लोगों को सभा, चौपाल और रैली के माध्यम से स्वच्छता के बारे में जागरूक किया. उन्होंने बताया कि आज उनके साथ करीब 30 युवाओं की टीम गंगा प्रहरी बनकर मां गंगा स्वच्छ बनाने का काम कर रही है.

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स्वच्छता मिशन में गंगा दूत बनकर जुड़ रहे हैं लोग

रमा का कहना है कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोग बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं. लोग गंगा दूत बनकर स्वच्छता मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं. बताया कि गंगा किनारे बसे प्रत्येक गांव से 10-10 लोग गंगा दूत बनकर जुड़े हैं. जो गांव-गांव स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनको कन्नौज ब्लॉक और गुगरापुर पर ब्लॉक का गंगा प्रहरी का टीम लीडर की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

बच्चों को पढ़ाती रमा तिवारी.

नेहरू युवा केंद्र में युवतियों को देती है ट्रेनिंग

रमा तिवारी ने बताया कि नेहरू युवा केंद्र में उनका एक युवती क्लब भी बना हुआ है. नेहरू युवा केंद्र में उनको अब ट्रेनर्स के तौर पर बुलाया जाता है. यहां युवतियों को ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ने में मदद करती हैं. बताया कि उनका क्लब रक्तदान, वृक्षारोपण, जल संरक्षण जैसे सामाजिक कामों में सहयोग करता है.

बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर कर रहीं साक्षर

रमा कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के बाद गांव के छोटे-छोटे बच्चों को घर-घर जाकर माता-पिता से फ्री क्लास में बच्चों को भेजने की बात कही. बच्चों को निःशुल्क क्लास में पढ़ाने के लिए उनके माता-पिता को प्रेरित किया. बताया कि उन्होंने 5 बच्चों के साथ अपनी फ्री क्लास की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे मेहनत रंग लाई क्लास में करीब 40 बच्चे पढ़ने आते हैं. अब दूसरे गांवों से भी बच्चों को निःशुल्क क्लास गांव में लगवाने के लिए संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल्दी गंगा किनारे बसे दाई पुर, मित्रसेन पुर, महमूदपुर वीजा गांव में निःशुल्क क्लास शुरू करने जा रहीं हैं.

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इन अवार्ड से हो चुकी हैं सम्मानित

रमा तिवारी सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. उन्होंने नमामि गंगे, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण और युवा कल्याण समिति के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उनको अब तक करीब 12 से ज्यादा राज्य स्तर और जिला स्तर पर अवार्ड मिल चुके हैं. इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित किया है. इसके अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत ने नमामि गंगे और उमा भारती ने गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन अवार्ड देकर सम्मानित किया है. उपेंद्र तिवारी ने आदर्श युवा यूथ अवार्ड से सम्मानित किया है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी उन्हें यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित किया है. वहीं जिला स्तर पर पूर्व राज्यमंत्री अर्चना पांडे ने लोकल चैंपियन अवार्ड से सम्मानित किया है. इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ समेत कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

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