कन्नौजःरमा तिवारी गंगा प्रहरी के रूप में न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सफल बना रही हैं. बल्कि भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करते हुए मां गंगा की सेवा में लगी हुई हैं. सरकार ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों से रमा को सम्मानित कराया है.
स्वच्छाग्राही बनकर की थी शुरुआत
जिले के छोटे से गांव गंगागंज मेहंदीपुर की रहने वाली रमा तिवारी के पिता गंगा जगमोहन तिवारी पेशे से किसान हैं. उनकी मां मीना तिवारी गृहणी हैं. उसके बावजूद रमा तिवारी ने अपने सपनों को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज जिले की यूथ आइकन के रूप में पहचानी जाती हैं.
एमए में समाजशास्त्र की पढ़ाई कर चुकी रमा तिवारी गंगा प्रहरी बनकर मां गंगा को दूषित होने से बचा रही हैं. गंगा घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं, मछुआरों के साथ-साथ ग्रामीणों में स्वच्छता की अलख जगा रही हैं. उनकी टीम गांव-गांव जाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही है. रमा तिवारी बताती हैं कि पहली बार उन्हें स्वच्छताग्राही के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद लोगों के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा जागी. उन्होंने विकास भवन पहुंचकर स्वच्छताग्राही के बारे में जानकारी ली. साथ ही स्वच्छताग्राही का फॉर्म भी भरा. बताया कि उनका सिलेक्शन स्वच्छताग्राही की लिए हो गया. इसके बाद तिर्वा मेडिकल कॉलेज में 5 दिन से ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का काम शुरू कर दिया.
अपनी ग्राम पंचायत को बनाया ओडीएफ
रमा ने बताया कि स्वच्छताग्राही बनने के बाद में सबसे पहले उनको अपनी ही ग्राम पंचायत मेहंदीपुर ओडीएफ बनाने की जिम्मेदारी मिली. बताती हैं कि गांव में काम करना काफी मुश्किल था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. लोगों को स्वच्छता के बारे में बताने और साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया. जल्द इसमें कामयाबी भी मिली. गंगा किनारे बसे गांवों में मेंहदीपुर को पहली ओडीएफ ग्राम पंचायत होने का दर्जा भी मिला. इसके बाद डीएम ने उन्हें सम्मानित भी किया.
टीम बनाकर गंगा घाट को स्वच्छ बनाने की चलाई मुहिम
रमा तिवारी नेबताया कि ग्राम पंचायत के बाद उनको ब्लॉक स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई. गांव जाकर लोगों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ टीम बनाकर उनको जोड़ने का भी काम किया. टीम बनने के बाद गंगा घाट पर जाकर लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने काम शुरू किया. बताया कि मिशन की शुरुआत सबसे पहले घाट पर रहने वाले बाबाओं से की. उसके बाद मछुआरों फिर गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को साफ सफाई के बारे में जानकारी दी. घाटों पर कूड़ा करकट न फैले इसके लिए जगह डस्टबिन भी रखवाए. इसके अलावा लोगों को सभा, चौपाल और रैली के माध्यम से स्वच्छता के बारे में जागरूक किया. उन्होंने बताया कि आज उनके साथ करीब 30 युवाओं की टीम गंगा प्रहरी बनकर मां गंगा स्वच्छ बनाने का काम कर रही है.
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