कन्नौज: जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित करने की कवायद चल रही है. कोई दिन ऐसा नहीं जाता होगा जिस दिन शौचालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा न की जाती हो. लेकिन प्रशासन की ओर से किये जाने वाले प्रयास की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सौरिख नगर पंचायत में सामुदायिक शौचालय दिखावा बन कर रह गया है. इसमें ताला बंद रहता है और इस कारण गांव वालों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर गंदगी का अंबार स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की कहानी सुनाने के लिए काफी है.
कन्नौज के सामुदायिक शौचालय में पड़ा ताला, खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण
जिले की सौरिख नगर पंचायत अधिकारियों की घोर लापरवाही का गवाह बनकर सामने है. स्वच्छ भारत अभियान मिशन की जमीनी हकीकत पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर गंदगी का अंबार लगा है. खुला नाला बीमारियों को दावत दे रहा है. इतना ही नहीं लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए बनाये गये सामुदायिक शौचालय में ताला पड़ा है.
ये है पूरा मामला
दरअसल सौरिख नगर पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. इससे लोग खुले में शौच जाने के बजाए सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करें और नगर पंचायत भी खुले में शौच से मुक्त हो सके, लेकिन हाथ में पानी की बोतल और डब्बे लेकर खेत की ओर जाती महिलाएं खुले में शौच मुक्त जिले की जमीनी हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं. महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. उसके पीछे का कारण सामुदायिक शौचालय में लगा ताला है. खुले में शौच जाने में इन महिलाओं को डर सताता है. गंदगी से जीना दुस्वार है.
सीएचसी के सामने लगा गंदगी का अंबार
नगर पंचायत की सीएचसी के पास ही गंदगी से पटा तालाब है. संक्रामक बीमारियां धीरे-धीरे पैर पसार रही हैं. इससे लोगों में दहशत बनी हुई है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अजहर सिद्दीकी खुद इस बात को मान रहे हैं कि गंदे तालाब में मच्छर पैदा होंगे. इससे बीमारियां बढ़ेंगी. गंदगी के बारे में जिले के डीएम, सीडीओ, बीडीओ सबको जानकारी है. लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है.
एडीएम ने दो दिन में समस्या खत्म करने के दिए निर्देश
मामला सामने आने पर एडीएम गजेंद्र सिंह ने तत्काल स्थानीय अधिकारियों को दो दिन में समस्या के निराकरण के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही शौचालय का ताला खुलवाकर स्थानीय लोगों के लिए शुरू कराए जाने की भी बात कही है.
बीमारियों के मौसम में एक तरफ सरकार करोड़ों रुपये प्रचार-प्रसार में खर्च कर लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सौरिख नगर पंचायत की तस्वीर इस बात की हकीकत बयां कर रही है कि सरकार की कथनी को किस तरह से स्थानीय अधिकारी पलीता लगा रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या फिर जांच के नाम पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा.