कन्नौज:जिले को पर्यटन स्थल बनाए जाने की मांग कई सालों से उठ रही है. शासन के समक्ष ऐतिहासिक जिले की धरती को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव पहले से ही रखा जा चुका है. यदि सरकार ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो जल्द ही कन्नौज विश्व के मानचित्र पर पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाएगा. इस नगरी को पर्यटन नगरी बनाने के लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा चुकी है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की मुहर लगनी अभी भी बाकी है.
- इत्र और इतिहास की नगरी के नाम से मशहूर कन्नौज में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं.
- इसके बावजूद प्रदेश और देश की सरकारें यहां की धरोहर को सहेजने और उन्हें दर्शनीय बनाने में देरी कर रही हैं.
- समय-समय पर योजनाएं तो बनती है, लेकिन उन्हें धरातल पर साकार करने के लिए नीति और नियत नहीं दिख रही है.
- अवैध खनन और ऐतिहासिक स्थलों पर अवैध कब्जे होने से इसके अस्तित्व पर भी ग्रहण लगता जा रहा है.
जिले के प्राचीन वैभव को देखते हुए पिछली अखिलेश सरकार ने इसे संरक्षित करने का फैसला किया था, जिसके बाद पूर्व में शहर के कई प्राचीन स्थलों पर स्थलीय निरीक्षण किया गया था. इसी निरीक्षण और प्राचीन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट भी तैयार की गई थी.
कन्नौज में है अत्याधुनिक संग्रहालय
जिले में महान सम्राट हर्षवर्धन, सम्राट जयचंद, महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान, महाकवि घाघ, मकदूम जहानिया मस्जिद, बालापीर का मकबरा सहित तमाम कलम और कृपाण से जुड़ी पौराणिक कथाएं आज भी जीवंत हैं. प्राचीन मूर्तियों व कलाकृतियों को सहेजने के लिए अत्याधुनिक राजकीय संग्रहालय का निर्माण कराया गया है.