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संसद हमला 2001 : शहीद कमलेश कुमारी को उनके पैतृक गांव में दी गई श्रद्धांजलि - संसद अटैक 2001

वर्ष 2001 के संसद हमले में शहीद हुईं कमलेश कुमारी को उनके पैतृक गांव में दी गई श्रद्धांजलि. श्रद्धांजलि सभा में स्थानीय लोग व पूर्व सैनिकों ने शहीद कमलेश कुमारी की प्रतिमा पर चढ़ाए.

शहीद कमलेश कुमारी को उनके पैतृक गांव में दी गई श्रद्धांजलि
शहीद कमलेश कुमारी को उनके पैतृक गांव में दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Dec 13, 2021, 10:22 PM IST

कन्नौज : वर्ष 2001 में भारतीय संसद में हुए आतंकी हमले में शहीद हुईं महिला कॉस्टेबल कमलेश कुमारी को उनके पैतृक गांव सिकंदपुर में याद किया गया. कॉस्टेबल कमलेश कुमारी के परिजनों व स्थानीय लोगों ने सोमवार को उनकी प्रतिमा पर फूल-माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि सभा में स्थानीय लोगों के साथ कई भूत पूर्व सैनिक भी मौजूद रहे.

शहीद महिला कॉस्टेबल कमलेश कुमारी

बता दें कि 2001 में भारतीय संसद हमले के 20 साल गुजर चुके हैं. 13 दिसंबर 2001 की तारीख हर साल आतंकियों के इस हमले को नाकाम करने वाले जांबाज शहीदों की शौर्य गाथा याद दिलाती है. संसद हमले में आतंकियों की साजिश को नाकाम करने के दौरान कन्नौज जनपद के सिकंदरपुर कस्बा की रहने वाली महिला कॉस्टेबल कमलेश कुमारी शहीद हो गईं थीं. शहीद कमलेश कुमारी के गांव में हर वर्ष आज की तारीख वाले दिन याद किया जाता है. ग्रामवासी व शहीद के परिजन मिलकर उन्हें श्रद्धाजंलि देते है.

पांच आतंकियों ने किया था संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकवादियों ने हमला बोल दिया था. इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान, संसद के 2 गार्ड शहीद हुए थे. जबकि 16 जवान आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हो गए थे. आतंकी हमले में कन्नौज के सिकंदरपुर कस्बा की रहने वाली महिला पुलिस कॉस्टेबल कमलेश कुमारी भी शहीद हो गई थी. हमले के समय कॉस्टेबल कमलेश कुमारी संसद के गेट नंबर 11 पर तैनात थीं. तभी एक सफेद रंग की अंबेसडर कार आकर रुकी.

कार में सेना की वर्दी में 5 आतंकवादी बैठे थे, जिनके पास एके-47 व हैंड ग्रेनेड था. ड्यूटी पर तैनात कमलेश कुमारी ने देखा कि 5 आतंकवादी कार से उतरकर संसद भवन में घुसने की कोशिश कर रहे है. उस दौरान कमलेश कुमारी के पास सिर्फ वॉकी-टॉकी था. कमलेश कुमारी के पास कोई हथियार नहीं था, जिसके बाद उन्होंने वॉकी-टॉकी पर कॉस्टेबल सुखविंदर को अलर्ट किया. इसी दौरान आतंकियों ने अपना सबसे पहला निशाना कमलेश कुमारी को बनाते हुए उनके सीने में 11 गोलियां दागी थीं.

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