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कन्नौज: आशा ज्योति केंद्र में वेतन न मिलने से परेशान है स्टाफ - कन्नौज खबर

यूपी के कन्नौज में सरकार द्वारा पीड़ित महिलाओं का एक वन स्टाप सेन्टर खोला गया है, जिसको आशा ज्योति केन्द्र के नाम से जाना जाता है. सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि जो दूसरों की समस्याओं को सुनते हैं उनकी अपनी खुद की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है.

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आशा ज्योति केन्द्र में वेतन न मिलने से परेशान है स्टाफ.

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Published : Feb 1, 2020, 10:33 AM IST

कन्नौज: जिले के विनोद दीक्षित चिकित्सालय परिसर में स्थित सखी वन स्टाप सेन्टर में कार्यरत लोगों की सबसे बड़ी समस्या वेतन की बनी हुई है. इन लोगों से काम तो कराया जा रहा है, लेकिन स्टाफ के सभी लोगों को आठ माह से वेतन नहीं मिल रहा है. शासन और प्रशासन के अण्डर काम करने वाली यह महिला कर्मचारी किसी से अपनी शिकायत भी नहीं कर सकती हैं, लेकिन जब ईटीवी भारत ने इनकी समस्या को जानने की कोशिश की तो उनका दर्द उनकी जुबां पर गया. स्वयं इस केन्द्र की प्रशासक ने अपना और अपने पूरे स्टाफ को वेतन न मिलने की परेशानी बताते हुए शासन से जल्द समस्या को दूर किए जाने की बात कही.

आशा ज्योति केन्द्र में वेतन न मिलने से परेशान है स्टाफ.

8 माह से नहीं मिला वेतन
केन्द्र प्रशासक सुप्रिया पाण्डेय ने बताया कि मेरे और मेरे स्टाफ का जो वेतन है, वह 8 माह से नहीं मिल रहा है. इस कारण हमारा जो स्टाफ है वह मै कह सकती हूं कि भुखमरी की कगार पर आ चुका है, क्योंकि पिछले आठ माह से वेतन न मिलने के कारण रोजमर्रा की जो आवश्यकताएं है, उसमें कहीं न कहीं दिक्कत आ रही है. चूंकि जिले स्तर से हम लोग कई बार जिलाधिकारी से बात भी कर चुके हैं. उनसे भी हम लोगों ने इसके लिए आग्रह किया है तो वह भी निरंतर प्रयासरत हैं.

शासन से डायरेक्ट न जुड़ने के कारण आती है समस्याएं
उन्होंने बताया कि कहीं न कहीं शासन स्तर पर हमें पत्र न मिलने के कारण हमें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. पहले तो हमारी पेमेंट जिलाधिकारी और जिला प्रोविजनल के माध्यम से ही आती थी.

नए जीओ के अंतर्गत अब एजेंसी थ्रू होंगे कार्यरत
सुप्रिया पांडेय ने बताया कि अब एक नया जीओ 26 जुलाई से लागू हो गया है, जिसके अन्तर्गत यह लिखा है जो भी स्टाफ कर्मचारी हैं उनको किसी एजेन्सी के थ्रू कार्यरत कराया जाएगा. सारी समस्याओं को लेकर स्वयं जिलाधिकारी द्वारा एक पत्र शासन में भेजा गया है, लेकिन उसका जवाब अभी तक नहीं आ रहा है.

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