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सपा ने विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, जांच की मांग - corruption in development works

कन्नौज में समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों ने पंचायत की ओर से कराए गए विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार (irregularities and corruption in development works) का आरोप लगाया है. सपाइयों ने विकास कार्यों में हुई धांधली की जांच के लिए आवाज उठाई है.

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Published : Oct 7, 2022, 7:28 PM IST

कन्नौज: जिला पंचायत की ओर से कराए गए विकास कार्यों में जिला पंचायत सदस्यों ने अनियमितता और भ्रष्टाचार (irregularities and corruption in development works) का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को पत्र सौंपकर विकास कार्यों की गुणवत्ता और भुगतान की जांच कराए जाने की मांग की है. साथ ही, जिला पंचायत सदस्य और अपर मुख्य विकास अधिकारी जिला पंचायत के अधिकारों पर अंकुश लगाए जाने की मांग की है.

आरोप है कि जिला पंचायत की ओर से बनाए गए पांच तालाबों पर काम चल रहा है. जिसमें इंटर लॉकिंग का कार्य में घटिया मैटेरियल लगाया गया है. विकास कार्यों के नाम पर जो भी तालाब, जल संरक्षण योजना के अधिकांश टेंडर दस प्रतिशत अग्रिम रुपये लेकर एक ही फर्म को स्वीकृत किए है.

शुक्रवार को सपा के जिला पंचायत सदस्य इंद्रेश यादव, सीता देवी, दिगम्बर सिंह, शिवा जीत, कीर्ती दोहरे समेत अन्य सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे. सदस्यों ने जिला पंचायत से कराए गए विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच कराए जाने की मांग की है.

विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते जिला पंचायत सदस्य

डीएम को दिए गए पत्र में आरोप लगाया है कि अभी तक विकास कार्यों के नाम पर जो भी तालाब, जल संरक्षण योजना के अधिकांश टेंडर 10 प्रतिशत रुपये लेकर स्वीकृत किए गए है, उसका टेंडर सामूहिक तौर पर एक ही फर्म पर स्वीकृत किए गए हैं. जो आरसीसी नाला, सड़क और पुलियों के टेंडर स्वीकृत हुए हैं. उन्हें तत्कालीन अपर मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा 10 प्रतिशत अग्रिम धनराशि लेकर अपने चहेते ठेकेदारों को दिए गए. कार्य हुए छह माह भी नहीं हुए लेकिन जगह जगह से टूट गए है. इन कार्यों में इस्तेमाल किए गए सरिया, सीमेंट व गिट्टी की जांच कराई जाए.

पत्र में कहा गया है कि हाई मास्क लाइट के जो टेंडर किए गए है, उसमें करीब 3.50 करोड़ रुपये का भुगतान सिर्फ दो फर्मों के टेंडर लेकर कर दिया गया. जबकि अन्य टेंडरों को जान बूझकर निरस्त कर दिए गए. आरोप लगाया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी द्वारा जो वाहन अपने प्रयोग के लिए ली गई है, उनका दुरूपयोग हो रहा है. लॉक बुक पर फर्जी भ्रमण दिखाकर फर्जी भुगतान किया जा रहा है. जिला पंचायत अध्यक्ष के नाम पर जो गाड़ी सम्बद्ध है, उससे उनके पति व गनर आते है. अमृत सरोवर योजना के तहत जो पांच तालाबों का कार्य चल रहा है, उसमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिला पंचायत सदस्यों ने डीएम से जांच कराकर जिला पंचायत अध्यक्ष और अपर मुख्य विकास अधिकारी जिला पंचायत के अधिकारों पर अंकुश लगाने की मांग की है. साथ ही मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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