कन्नौज: कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी में किसानों को उन्नत तकनीक से खेती कर सरसो की पैदावार बढ़ाए जाने के टिप्स दिए गए. कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने सरसो की खेती आसान, कम उत्पादन लागत और कम उर्वरा शक्ति से अधिक उर्वरा शक्ति वाली भूमि में पैदावार कैसे की जा सकती है, इस पर किसानों को विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि तिलहनी फसलों में सरसो सबसे महत्वपूर्ण फसल है. ऐसे क्षेत्र जहां सिंचाई के साधन कम हैं वहां धान और मक्का की खेती के बाद सरसो की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है. उन्होंने बताया कि जनपद में सरसो की खेती बहुत कम क्षेत्रफल पर की जाती है. साथ ही सरसो की खेती को बढ़ावा देने के लिए उमर्दा ब्लॉक के अल्लाहपुर गांव के किसानों को सरसो उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया.
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने बताया कि सरसो की अनेक उन्नतशील प्रजातियां जैसे- आरएच 749, गिरिराज, उर्वशी, माया, नरेंद्र राई, रोहाणी आदि बुवाई के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं. इन प्रजातियों के लिए चार से पांच किलोग्राम प्रति हेक्टेयर स्वस्थ बीज की आवश्यकता होती है. अच्छी फसल के उत्पादन के लिए पंक्ति में बुवाई करें. जिसकी दूरी 40 से 45 सेंटीमीटर तथा पौधों से पौधों की दूरी 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए.