कन्नौज:उत्तर प्रदेश के कन्नौज में साढ़े 5 साल पूर्व नशे की हालत में एक हवसी पिता ने अपनी 11 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. साथ ही खुद को बचाने के लिए अपने ही सगे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस की जांच में पीड़ित बच्ची ने बताया कि उसके पिता ने ही वारदात को अंजाम दिया है. इसके बाद पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. गुरुवार को कन्नौज पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी पिता को दोषी ठहराते हुए दोहरी उम्र कैद की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
जानें पूरा मामला
घटना 20 अप्रैल 2018 की है. यहां जनपद के विष्णुगण थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति नशे में धुत होकर रात के अंधेरे में अपने घर पहुंचा. घर में व्यक्ति ने अपनी ही 11 वर्षीय पुत्री के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला. घटना के बाद आरोपी पिता ने अपने छोटे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया. आरोपी ने पुलिस को बताया कि 15 अप्रैल को वह एक वारंट में जेल गया था, 20 अप्रैल को जब वह जेल से छूटकर घर आया तो बेटी ने बताया कि चाचा ने उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है.
बच्ची ने पुलिस को बताया
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. पुलिस ने पीड़ित बच्ची का बयान दर्ज कराया तो हैरान कर देने वाला सच सामने आया. पीड़ित बच्ची ने अपने बयान में पिता पर ही गंभीर आरोप लगाया. बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने ही उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. साथ ही पुलिस के सामने चाचा का ही नाम बताने के लिए दबाव बनाया था. इससे पहले भी उसके पिता ने खेत में उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे चुका है.
पॉक्सो अदालत की विशेष न्यायाधीश ने सुनाई सजा
मुकदमे की सुनवाई कर रहे पॉक्सो एक्ट अदालत की विशेष न्यायाधीश अलका यादव ने कहा कि यह अपराध पिता और पुत्री के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली है,जो समाज के लिए बहुत घातक है. पिता ने अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म कर पूरे समाज को शर्मशार कर दिया है. इस वजह से आरोपी को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई जाती है और 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया जाता है. अगर दोषी अर्थदंड नहीं भरता है तो 2 साल की अतिरिक्त सजा और काटनी होगी. विशेष न्यायाधीश ने कन्नौज के डीएम शुभ्रांत शुक्ला को निर्देशित करते हुए कहा की मासूम बच्ची के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं, उसकी परवरिश के साथ-साथ शिक्षा भरण-पोषण सुरक्षित भविष्य और पुनर्वास की व्यवस्था नियमानुसार की जाए.
दोहरी उम्र कैद की सजा
शासकीय अधिवक्ता नवीन दुबे ने बताया कि अदालत ने दुष्कर्म के दोषी पिता को 2 अलग-अलग धाराओं में उम्र कैद की सजा सुनाई है. पहली सजा धारा 376/2/एफ में 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है. इसी तरह संरक्षण में रखने के बावजूद दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने पर कठोर आजीवन कारावास और 50 हजार रूपए का अर्थदंड लगाया है.