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कन्नौज: जिला अस्पताल के प्राइवेट कर्मियों की खतरे में नौकरी, हड़ताल शुरू - यूपीएचएसएसपी परियोजना

कन्नौज के जिला अस्पताल में यूपीएचएसएसपी परियोजना के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उनका कहना है कि अगर जल्द ही उनको किसी योजना के अन्तर्गत समायोजित नहीं किया गया तो वे कार्य बहिष्कार करेंगे.

यूपीएचएसएसपी परियोजना के कर्मचारियों की हड़ताल

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Published : Sep 27, 2019, 4:10 PM IST

कन्नौज: जिला अस्पताल में एक निजी कम्पनी की ओर से कार्य कर रहे कर्मचारियों की नौकरी अब खतरे में आ गयी है. जिसपर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरु कर दी. हड़ताल होते ही जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. मांगे न पूरी होने पर कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे.

यूपीएचएसएसपी परियोजना के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल.

कर्मचारियों की हड़ताल से अस्पताल में हड़कंप
कन्नौज के जिला चिकित्सालय में यूपीएचएसएसपी परियोजना को बढ़ाने की मांग को लेकर टेक्निकल एंड मेडिकल कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि नवम्बर 2015 से वे एक निजी कम्पनी के अन्तर्गत जिला अस्पताल में कार्यरत हैं. यूपीएचएसएसपी द्वारा एक परियोजना चलाई गयी थी जिसमें अस्पतालों को एनएपीएच एप्रूव कराने के लिए ओडी टेक्निशियन, स्टाफ नर्स, स्टोर कीपर और रजिस्ट्रेशन क्लर्क जैसे पदों का सृजन किया गया था. जिसके अन्तर्गत अब हम लोगों को एक महीने पहले नोटिस दिया गया है, जिसमें 1 से 30 सितम्बर तक का नोटिस पीरियड दिया गया है. जिसके बाद हमारी कार्य अवधि को समाप्त करने की बात कही गयी है. हमलोगों को पालन पोषण मुश्किल हो जायेगा तथा अस्पताल में जो कार्य हो रहा है वह भी पूर्णरूप से बाधित होने की संम्भावनाएं हैं.

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सीएमएस के द्वारा कहा गया था कि हमारा कार्य अच्छे से हो रहा है और उन्होनें ऊपर नोटिस भी भेजा है. लेकिन अभी तक उसके ऊपर कोई आश्वासन नहीं मिला है. हम लोगों ने अभी सीएमएस तथा डीएम को सूचित किया है और सीएमओ साहब के लिए एक लेटर भी लिखवाया है. सीएमएस द्वारा लेटर टीटी हेल्थ और परियोजना निदेशक को भी भेजा गया है, लेकिन एक सप्ताह होने के बावजूद अभी तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके तहत हम लोग हड़ताल कर रहे हैं. अगर 20 तारीख तक कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई या आश्वासन नहीं मिला तो हम लोग पूर्णरूप से कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे. हमारी सरकार से बस यही मांग है कि हमको किसी योजना के अन्तर्गत समायोजित किया जाए जिससे हमारी नौकरी को कोई खतरा न हो.

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