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कन्नौज सड़क हादसा: घायलों ने बयां किया दर्द, पुलिस ने बनाया कंट्रोलरूम - पुलिस ने बनाया कंट्रोलरूम

कन्नौज में हुए भीषण सड़क हादसे में 10 यात्रियों के जिंदा जलने की खबर है, जबकि लगभग 22 यात्रियों को इलाज के लिए छिबरामऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं गुरसहायगंज में, पुलिस अधिकारियों ने एक कन्ट्रोल रूम बनाया है, ताकि किसी भी व्यक्ति को अपने परिजनों के बारे में सूचना प्राप्त करनी हो तो वह यहां से अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें.

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कन्नौज सड़क हादसे में घायलों ने सुनाया हादसे का दर्द.

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Published : Jan 11, 2020, 3:25 PM IST

कन्नौज: शुक्रवार रात करीब आठ बजे कन्नौज के गुरसहायगंज से जयपुर के लिए जा रही बस भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गई. इस घटना में 10 यात्रियों के जिंदा जलने की खबर है, जबकि लगभग 22 यात्रियों को इलाज के लिए छिबरामऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कन्नौज सड़क हादसे में घायलों ने सुनाया हादसे का दर्द.

बस में कुल यात्रियों की संख्या लगभग 35 बताई जा रही है. इनमें से कुछ यात्री बालाजी दर्शन करने, तो कुछ रोजगार की तलाश में जयपुर जा रहे थे. हालांकि, बस में बैठे यात्रियों की संख्या को लेकर सभी के अलग मत हैं. घायलों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने इतना बड़ा हादसा कभी नहीं देखा.

हादसे के समय ट्रक और बस दोनों में आग लग गई. स्लीपर बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका. हादसे में दस से ज्यादा यात्रियों के जिंदा जलने की पुष्टि हुई है. वहीं हादसे में बुरी तरह घायल 22 यात्रियों को इलाज के लिए छिबरामऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं.

बस ड्राइवर की लापरवाही से हुआ यह हादसा
गुरसहायगंज से बस अभी 26 किमी ही चल पाई थी कि छिबरामऊ से पांच किमी आगे जीटी रोड पर ग्राम घिलोई के पास, बस ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया. जिससे अनियंत्रित होकर बस सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि भिड़ंत में ट्रक का डीजल टैंक फटने से आग लग गई, जिसने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया और थोड़ी ही देर में बस आग का गोला बन गई.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक स्लिपर में चार लोग और एक सीट पर दो लोग सवार थे. बस पूरी तरह से भरी हुई थी. यह बस प्राइवेट विमल चतुर्वेदी फर्रूखाबाद की है. इस तरह की प्राइवेट बसों में अक्सर हादसे होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इन कम्पनियों पर कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने के कारण यह बसें धड़ल्ले से चल रही है.

धमाके के बाद लगी आग
घायलों की मानें तो बस में टक्कर होते ही एक बड़ा धमाका हुआ और तुरन्त ही बस आग का गोला बन गई. किसी को भागने का मौका भी नहीं मिल पाया. जो लोग जैसे थे, वहीं फंसे रह गए. यात्रियों का कहना है कि हम लोगों ने शीशे तोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई.

बचाने की निकली चीखें
बस में फंसे लोग मदद के लिए चीखते रह गए, लेकिन उनकी मदद करने का लोगों को समय तक नहीं मिला. बस आग का गोला बन गई. जिसके बाद बस में सवार हर कोई चीखता चिल्लाता रहा, कुछ लोगों ने बस का शीशा तोड़कर अपनी जान बचा ली लेकिन कुछ लोग के लिए बस चिता बन गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

हादसे के बाद दिल्ली और कानपुर का रास्ता, छिबरामऊ जीटी रोड बंद हो गया. जिससे सड़कों पर दोनों तरफ ट्रकों की लम्बी कतारें लग गई. यह जाम रात भर लगा रहा और इस भीषड़ सर्दी में ट्रक चालकों को, रात भर रास्ता खुलने का इन्तजार करना पड़ा. सुबह होते ही जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से रास्ता साफ कराया.

पुलिस ने बनाया कंट्रोल रूम
हादसे के बाद, गुरसहायगंज में पुलिस अधिकारियों ने एक कन्ट्रोल रूम बनाया है, जहां पर पुलिस अधिकारी मौजूद हैं. जिससे अगर किसी भी व्यक्ति को अपने परिजनों के बारे में सूचना प्राप्त करनी हो तो वह यहां से अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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