कन्नौज:कोरोना महामारी के बीच जहां एक ओर लोग अपने परिजनों की जान बचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे है. वहीं तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सतौरा गांव में रहने वाले माता-पिता ने कार के लिए अपने कलेजे के टुकड़े को एक कारोबारी के हाथों डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया. इन रुपयों से दंपति ने एक पुरानी कार भी खरीद ली, लेकिन नानी की ममता यह सहन नहीं कर सकी तो वह न्याय की फरियाद लेकर तिर्वा पुलिस के पास पहुंच गई. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के रौरा गांव निवासी मुनीषा बेगम की पुत्री सायरा का निकाह करीब पांच साल पहले तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सतौरा गांव निवासी आशिफ उर्फ जबी के साथ हुआ था. सायरा ने करीब तीन माह पहले एक बेटे को जन्म दिया था. आरोप है कि आशिफ और जायरा ने तीन माह के बेटे को डेढ़ लाख रुपये में गुरसहायगंज कस्बे के एक कारोबारी के हाथों बेच दिया. बेटे के बदले मिले डेढ़ लाख रुपये से दोनों ने एक पुरानी कार भी खरीद ली. बच्चे की नानी मुनीषा बेगम ने जब अपनी पुत्री और दामाद के हाल-चाल जानने के लिए फोन किया तब उन्हे नाती की बिक्री करने की जानकारी हुई. आनन फानन में वह बेटी घर पहुंच गई. उन्होंने नाती को बेचने का विरोध किया तो बेटी-दामाद ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए भगा दिया.