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महिला को 'सिस्टम' ने कागजों पर मारा, राशन कार्ड किया निरस्त, खाने के पड़े लाले

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Published : Jul 30, 2021, 5:00 PM IST

कन्नौज जिले कपूरपुर कटरी गांव में पूर्व प्रधान ने सक्रेटरी व कोटेदार के साथ मिलकर राशन कार्ड धारक बुजुर्ग महिला को मृत दिखाकर राशन कार्ड निरस्त करवा दिया था. महिला एक साल से राशन कार्ड बहाल कराने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हार कर महिला ने शुक्रवार को डीएम ऑफिस में न्याय के लिए गुहार लगाई.

एक साल से महिला को नहीं मिल रहा राशन.
एक साल से महिला को नहीं मिल रहा राशन.

कन्नौज: गरीब-कमजोर व जरूरतमंद लोगों को निशुल्क राशन देने के फरमान को दर किनार कर जिम्मेदार गरीबों के राशन पर डाका डाल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के सदर ब्लॉक के कपूरपुर कटरी गांव में सामने आया है. यहां पूर्व प्रधान ने सक्रेटरी व कोटेदार के साथ मिलकर राशन कार्ड धारक बुजुर्ग महिला को मृत दिखाकर राशन कार्ड निरस्त करवा दिया. महिला राशन लेने के लिए जब कोटे पर पहुंची तो उसको कागजों पर खुद की मौत होने की जानकारी हो सकी. पीड़ित महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए करीब एक साल से दर-दर भटक रही है. शुक्रवार को महिला ने डीएम ऑफिस पहुंचकर जिंदा होने का प्रमाण देकर न्याय की गुहार लगाई. साथ ही मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

जानकारी देती बुजुर्ग महिला.

दरअसल, सदर ब्लॉक के कपूरपुर कटरी गांव निवासी ऊषा देवी पत्नी रामपाल के नाम पर अंत्योदय योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पांच जून 2018 को राशन कार्ड जारी किया गया था. बुजुर्ग महिला को प्रत्येक माह 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल मिलता था. करीब एक साल पहले पूर्व प्रधान ने सेक्रेटरी व कोटेदार के साथ सांठगांठ कर ऊषा देवी को मृत दिखाकर पूर्ति निरीक्षक द्वारा राशन कार्ड निरस्त करा दिया. जब बुजुर्ग महिला कोटे पर राशन लेने के लिए गई तो उसको खुद की मौत होने की जानकारी हो सकी. बुजुर्ग महिला ने पूर्व प्रधान, वर्तमान प्रधान और कोटेदार से संपर्क कर समस्या का समाधान करने गुहार लगाई, लेकिन सभी लोगों से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

बुजुर्ग महिला करीब एक साल से अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही थी, लेकिन अधिकारी उसकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे थे. न्याय न मिलता देख शुक्रवार को बुजुर्ग महिला अपने बेटे मुरारी के साथ खुद को जिंदा साबित करने के लिए डीएम ऑफिस पहुंच गई. महिला का कहना है कि पूर्व प्रधान ने करीब एक साल पहले उसको मृत घोषित कर उसका राशन कार्ड निरस्त करवा दिया है. राशन कार्ड बनने के बाद करीब डेढ़ साल तक राशन मिला. उसके बाद जब वह राशन लेने पहुंची तो कोटेदार ज्ञानचंद्र ने राशन कार्ड कट जाने की बात कहकर राशन देने से इनकार कर दिया. पीड़िता ने डीएम दफ्तर में शिकायती पत्र देकर राशन कार्ड दोबारा बाहल किए जाने व मामले में जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है.

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जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि कपूरपुर कटरी गांव की रहने वाली ऊषा देवी का कहना है कि उनको मृत दिखाकर राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है. पता चला है कि उनके बेटे के नाम राशन कार्ड बना है. वह बेटे के साथ ही रहती हैं. डीएसओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं. अगर गलत तरीके से राशन कार्ड कटा है तो ठीक करा दिया जाएगा.

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