कन्नौज: एक तरफ तो जिला प्रशासन कोरोना जैसी घातक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधि और कर्मचारी अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं. इन सबके बीच गोशालाओं में अन्ना मवेशी भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर धूप में दम तोड़ रहे हैं.
आरोप है कि मवेशियों की मौत के बाद उन्हें चुपचाप गड्ढा खोद कर जमीन में दफन कर दिया जाता है. गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के अनौगी स्थित गोशाला में मवेशियों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त टीन शेड नहीं है. ऐसे में धूप और गर्मी के कारण मवेशी न सिर्फ बीमार पड़ रहे हैं, बल्कि दम भी तोड़ रहे हैं.
अनौगी की गोशाला में पिछले एक सप्ताह से खुले आसमान के नीचे पड़ी गाय घुट-घुट कर दम तोड़ रही हैं. मामले को लेकर गोशाला के केयर टेकरों ने बताया कि गाय बीमार चल रही हैं, जिनको देखने के लिए पशु चिकित्सक आते हैं.
जलालाबाद ब्लाक के अनौगी गांव की गौशाला में 194 अन्ना पशु रखे गए हैं, जिनमें से कई गाय पिछले करीब एक सप्ताह से बीमार हैं और कुछ गाय दम भी तोड़ चुकीं हैं. इस मामले को लेकर सेक्रेटरी विनीत का कहना है कि भूसा तो पर्याप्त है, लेकिन कुछ मवेशी बीमार हैं. इलाज के लिए पशु चिकित्सक आते रहते हैं.
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