कन्नौज: रमजान के महीने में ही सारा आसमानी इल्म आया है. कुरआन रमजान में उतरा और इंजील भी रमजान में ही उतरी. हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर सहीफे भी रमजान के महीने में ही उतरे. रमजान का महीना बहुत ही रहमतों और बरकतों का महीना है. यह बात फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हाजी तहसीन सिद्दीकी ने कही.
कन्नौज: रहमतों और बरकतों का महीना है रमजान, जरूरतमंदों की करनी चाहिए मदद
फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हाजी तहसीन सिद्दीकी ने बताया कि रमजान आसमानी इल्म का महीना होता है. इस महीने में जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में अल्लाह का अर्श पहले आसमान पर आ जाता है और एक फरिश्ता ऐलान करता है कि है कोई अपने गुनाहों से तौबा करने वाला है. कोई इज्जत चाहने वाला है कोई औलाद चाहने वाला. फरिश्ता पुकार कर कहता है कि नेकी करने वाले आगे आओ. तुम्हारे लिए खुशखबरी है इसलिए इस रहमत और बरकत वाले महीने में खूब इबादत करो. अपने गुनाहों से तौबा करना चाहिए और गरीब मजदूर तथा जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करना चाहिए.
रोजेदार को एक घूंट पानी पिलाने वाले के लिए भी बहुत बड़ा सबाब है. इस महीने में मालिक अपने मुलाजिमों से कम काम कराएं और खुद भी कम काम करें. इबादत में ज्यादा समय दें.