कन्नौज:समाजवादी पार्टी के संस्थापक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार सैफई के पैतृक आवास पहुंच गया है. मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदन की लकड़ी से होगा. चंदन की लकड़ी व गुलाब के फूल लेकर समाजवादी व्यापार सभा के कोषाध्यक्ष सैफई पहुंच चुके हैं. उनके साथ कई इत्र कारोबारी व सपा कार्यकर्ता भी चंदन की लकड़ी लेकर पहुंचे हैं.
तिर्वा कस्बा निवासी और समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश कोषाध्यक्ष अंशुल गुप्ता ने बताया कि उनके पास इटावा के सैफई आवास से फोन आया था. उसके बाद वह चंदन की लकड़ी का इंतजाम कर अंत्येष्टि स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. इसके अलावा बृजेंद्र नारायण उर्फ गुड्डू सक्सेना भी चंदन की लकड़ी लेकर सैफई के लिए रवाना हो गए है. उनके साथ इत्र कारोबारी और समाजसेवी दिलीप गुप्ता भी है. चंदन की लकड़ी के अलावा कार्यकर्ता गुलाब के फूल लेकर भी सैफई जा रहे हैं.
मुलायम सिंह ने गुलकंद व अगरबत्ती को कर दिया था टैक्स फ्री
मुलायम सिंह यादव का इत्रनगरी से भी गहरा नाता रहा है. जब वह लोकदल में थे, तब पहली बार कन्नौज आए थे. तब से उनका लगातार यहां आना जाना लगा रहा. राम मनोहर लोहिया को अपना आदर्श मानने वाले मुलायम सिंह ने कन्नौज से सांसद का चुनाव लड़ा था. उन्होंने 1999 में लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी. हालाकिं तब उन्होंने कन्नौज से इस्तिफा देकर मैनपुरी की नुमाइंदगी की थी. चौहट्टा मोहल्ला निवासी बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि साल 2003 में जब मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने थे तब वह कन्नौज आए. यहां जीटी रोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में जनता से मुखातिब हुए थे. इस दौरान इत्र कारोबारियों ने गुलकंद, अगरबत्ती को टैक्स फ्री कहने की बात कही थी. इस पर उन्होंने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री करने का भरोसा दिया था. लखनऊ पहुंचते ही अगले दिन सरकार ने दोनों उत्पादों को टैक्स फ्री कर दिया था. बृजेंद्र नारायण सक्सेना बताते हैं कि तब पांच प्रतिशत टैक्स पड़ता था.