कन्नौजः लॉकडाउन का एक महीना पार हो गया आगे खुलने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है. ऐसे में दिल्ली में रहकर मजदूरी कर परिवार पालने वाले लोग राशन के लिए दिल्ली सरकार का मुंह ताकते रहे. जब उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली तो उन्होंने अपने प्रदेश बिहार की सरकार से आस लगाई कि वह मजदूरों को घर बुलाने का प्रबंध करेगी. लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी जब बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों की कोई सुधि नहीं ली तो मजदूरों की टोली रिक्शों को लेकर निकल पड़ी.
भुखमरी की कगार पर रिक्शा चालक
गुरुवार को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सौरिख थाना क्षेत्र में बिहार प्रान्त के कटिहार जिला के रहने वाले लगभग 16 लोग रिक्शों के साथ दिखाई पड़े. इन लोगों से लॉकडाउन में रिक्शा लेकर टोली के साथ निकलने के विषय में जब पूछा तो ये लोग अपनी आपबीती सुनाना शुरू कर दिए. रिक्शा चालक सुधीर शर्मा ने बताया कि वह लोग दिल्ली के लाजपत नगर में रहकर रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. लाकडॉउन के बाद रिक्शा चलाना भी बंद हो गया और हम सब भुखमरी की कगार पर आ पहुंचे.
दिल्ली से रिक्शे पर ही निकल पड़े प्रवासी मजदूर, चार दिन में पहुंचे कन्नौज - lockdown in india
यूपी के कन्नौज जिले में दिल्ली से बिहार जा रहे रिक्शा चालकों की टोली दिखी. जब इन लोगों से बात की गई तो सब रुआंसे हो गए. इन लोगों ने बताया कि चार दिन में दिल्ली से कन्नौज पहुंचे हैं, अभी पता नहीं कितना दिन लगेगा.
![दिल्ली से रिक्शे पर ही निकल पड़े प्रवासी मजदूर, चार दिन में पहुंचे कन्नौज रिक्शा से निकले प्रवासी मजदूर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7007990-175-7007990-1588260987435.jpg)
रिक्शा से निकले प्रवासी मजदूर
चार दिन में दिल्ली से पहुंचे कन्नौज
सुधीर ने बताया कि इसीलिए हम लोग अपने घर के लिये रिक्शा लेकर निकल पड़े. हम लोग चार दिन से रिक्शा चलाकर यहां पहुंच पाए. घर तक पहुंचने के लिए अभी पता नहीं कितने दिन और रिक्शा चलाना पड़ेगा. टोली में शामिल जितेंद्र शर्मा ने बताया कि हम लोग एक ही जनपद के रहने वाले हैं. इस लिए छह रिक्शा को लेकर निकले हैं. हर रिक्शे पर दो लोग सवार हैं.