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24 घंटे बाद भी नहीं हो सका दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल परीक्षण, दिन भर जिला अस्पताल में भटकती रही

कन्नौज में दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया. 24 घंटे से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका. पीड़िता पूरे दिन जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण का इंतजार करती रही.

दुष्कर्म पीड़िता
दुष्कर्म पीड़िता

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Published : Feb 6, 2023, 9:08 PM IST

कन्नौज:जिले में एक बार फिर पुलिस और जिला अस्पताल के डॉक्टरों की अमनावीय चेहरा सामने आया है. 24 घंटे से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका. पीड़िता पूरे दिन जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण का इंतजार करती रही. पीड़िता और उसके परिजन अस्पताल परिसर में फर्श पर लेटे रहे. इस दौरान साथ आई दादी की तबियत भी बिगड़ गई. इस दौरान किसी ने भी पीड़िता और उसके परिजनों की सुध नहीं ली. मेडिकल न होने पर देर शाम पीड़िता वापस घर लौट गई. बता दें कि बीते रविवार को खेत में चारा एकत्र करते समय युवक ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था.

विशुनगढ थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते रविवार की दोपहर 11 वर्षीय किशोरी बाबा के साथ खेत से जानवरों के लिए चारा लेने गई थी. चारा एकत्र करने के दौरान गांव के ही संटी नाम के युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था. चीख पुकार सुनकर पास में ही घास छील रहे बाबा मौके पर पहुंच गए. जिसके बाद बाबा ने आरोपी युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था.

24 घंटे बाद भी नहीं हो सका पीड़िता का मेडिकल
विशुनगढ़ थाना पुलिस की एक महिला और एक पुरूष कॉस्टेबल पीड़िता और उसके परिजनों को लेकर मेडिकल कराने के लिए पहुंचे. जहां पर जिला अस्पताल में मेडिकल होने की बात कहकर टरका दिया. जिसके बाद पुलिस कर्मी रविवार को जिला अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन यहां पर पीड़िता और उसके परिजन दिनभर अस्पताल में भटकते रहे. लेकिन मेडिकल नहीं हो सका. इसके बाद रविवार की देर शाम बच्ची के परिजनों को यह कह कर जिला अस्पताल से लौटा दिया गया कि सोमवार को परीक्षण हो सकेगा. सोमवार को परिजन पीड़िता को लेकर दोबारा जिला अस्पताल पहुंचे.

पुलिस कर्मियों ने पीड़िता और उसके परिजनों को जिला अस्पताल में अकेला छोड़कर गायब हो गए. पीड़िता और उसके परिजन पूरे दिन भूखे प्यासे जिला अस्पताल परिसर में गेट के पास जमीन में पडे रहे. इस दौरान उसकी दादी की तबियत भी बिगड़ गई. किसी ने भी पीड़िता और उसके परिजनों की सुध नहीं ली. सोमवार की देर शाम तक मेडिकल परीक्षण न होने पर पुलिस कर्मी अपने साथ लेकर वापस लौट गए. पीड़िता की दादी ने बताया कि उनकी पोती के साथ गलत काम हुआ था. जांच के लिए दो दिन से पुलिस वाले जिला अस्पताल लेकर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक पोती की जांच नहीं हो पाई.

अस्पताल में कोई नहीं मिला
पीड़िता के बाबा ने बताया कि अस्पताल में कोई भी नहीं मिला था. हमको कल मेडिकल परीक्षण करने की बात कहकर वापस कर दिया. बताया कि उनसे कहा गया कि मेडिकल परीक्षण में दो से तीन लगेगें.

एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते रहे जिम्मेदार
पीड़िता का मेडिकल परीक्षण न हो पाने का कारण जब जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने बताया कि मेडिकोलीगल वाले डॉक्टर की ड्यूटी सीएमओ कार्यालय से लगाई जाती है. मेडिकल परीक्षण के लिए 24 घंटे डॉक्टर की डयूटी रहती है. सोमवार को डॉ. स्वास्तिक शालिनी की डयूटी थी, लेकिन उन्होंने मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं किया, ये जानकारी सीएमओ से ही मिल सकती है. वहीं सीएमओ डॉ. विनोद कुमार बताया कि डॉ. स्वास्तिक शालिनी ड्यूटी पर मौजूद हैं और उन्होंने चार लोगों का मेडिकल परीक्षण भी किया. लेकिन सोमवार को किसी भी बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए नहीं लाया गया. एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि पुलिस कर्मी बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल लेकर गए थे. अगर किसी कारण से उसका मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया तो कल करवा जाएगा. बताया कि आज ही मेडिकल कराया जाना चाहिए था. आज मेडिकल क्यों नहीं हुआ उसका पता किया जाएगा.

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