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प्राचार्य ने सीएम को भेजा पत्र, बेटे की मौत की जांच कराए जाने की मांग

कन्नौज मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान प्राचार्य के बेटे की हुई मौत में डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही बताई जा रही है. प्राचार्य ने सीएम योगी को पत्र लिख कर जांच की मांग की है. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि अगर लापरवाही हुई है तो इसकी जांच होगी.

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Published : Apr 24, 2021, 1:28 AM IST

प्राचार्य ने बेटे की मौत पर सीएम योगी को लिखा पत्र
प्राचार्य ने बेटे की मौत पर सीएम योगी को लिखा पत्र

कन्नौज:मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई प्राचार्य के बेटे की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सांस लेने में दिक्कत होने पर युवक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां उसकी मौत हो गई थी. वहीं प्राचार्य ने डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि बेटे को जबरन रेफर करने पर उसकी मौत हो गई. इस मामले में प्राचार्य ने सीएम को पत्र भेजकर बेटे की मौत की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल शहर के पीएसएम महाविद्यालय की प्राचार्य शशि प्रभा अग्निहोत्री के 37 वर्षीय पुत्र प्रखर अग्निहोत्री को सांस लेने में दिक्कत होने और ऑक्सीजन लेवल 85 होने पर 3 दिन पहले मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती कराया गया था. जहां जांच में कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद प्रखर को कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया था. बीते 20 अप्रैल को कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद कोराना संक्रमित युवक के परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ को फोन कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को कहा था.

लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बात को अनसुना कर उसी वार्ड में युवक को भर्ती रहने दिया. लगातार हालत बिगड़ने के चलते परिजनों ने बेहतर उपचार उपलब्ध कराए जाने के लिए डॉक्टरों से दोबारा संपर्क किया. तो युवक को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह दिया. जिसके बाद प्रखर को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के दौरान बीते बुधवार को मौत हो गई.

सीएम को पत्र भेजकर जांच की मांग

प्राचार्य शशिप्रभा अग्निहोत्री ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही के चलते बेटे की मौत का मुख्य कारण बताया. बीते गुरुवार को प्राचार्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर बेटे की मौत के मामले की जांच कराए जाने की मांग की है. भेजे गए पत्र में कहा है कि डॉक्टरों से बेहतर इलाज के लिए कहने पर बेटे को दूसरी जगह ले जाने की बात कहकर रेफर कर दिया. बेटे को शिफ्ट करने में इतनी देर कर दी कि उसने दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की कुव्यवस्थाओं के चलते उनके बेटे की मौत हो गई.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन प्रत्येक मरीज को बेहतर इलाज मुहैया कराने का प्रयास करता है. अगर प्राचार्य के बेटे के इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई है तो जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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