कन्नौज:मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई प्राचार्य के बेटे की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सांस लेने में दिक्कत होने पर युवक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां उसकी मौत हो गई थी. वहीं प्राचार्य ने डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि बेटे को जबरन रेफर करने पर उसकी मौत हो गई. इस मामले में प्राचार्य ने सीएम को पत्र भेजकर बेटे की मौत की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल शहर के पीएसएम महाविद्यालय की प्राचार्य शशि प्रभा अग्निहोत्री के 37 वर्षीय पुत्र प्रखर अग्निहोत्री को सांस लेने में दिक्कत होने और ऑक्सीजन लेवल 85 होने पर 3 दिन पहले मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती कराया गया था. जहां जांच में कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद प्रखर को कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया था. बीते 20 अप्रैल को कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद कोराना संक्रमित युवक के परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ को फोन कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को कहा था.
लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बात को अनसुना कर उसी वार्ड में युवक को भर्ती रहने दिया. लगातार हालत बिगड़ने के चलते परिजनों ने बेहतर उपचार उपलब्ध कराए जाने के लिए डॉक्टरों से दोबारा संपर्क किया. तो युवक को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह दिया. जिसके बाद प्रखर को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के दौरान बीते बुधवार को मौत हो गई.