कन्नौज: जिला के सदर तहसील में चल रहे समाधान दिवस में दोनों पैरों से दिव्यांग बहन को कंधों पर लादकर युवती पहुंची. युवती ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण विभाग असीम अरूण से दिव्यांग पेंशन न मिलने की शिकायत की. कहा कि आधार कार्ड में गड़बड़ी के चलते उसकी दिव्यांग बहन की करीब छह महीनों से पेंशन नहीं आ रही है. युवती ने बहन की पेंशन चालू कराए जाने, आधार कार्ड और विकलांग प्रमाण पत्र बनवाए जाने की मांग की है. इस दौरान युवती के कंधे पर दिव्यांग को देखकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. पीड़िता की शिकायत सुनकर राज्यमंत्री ने जल्द से जल्द समस्या का समाधान कर पेंशन दिलाए जाने का भरोसा दिलाया है.
Kannauj News: दिव्यांग बहन को कंधों पर लादकर राज्यमंत्री के सामने पहुंची युवती, लगाई ये गुहार
कन्नौज में समाधान दिवस के दौरान उस वक्त अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जब एक युवती अपनी दिव्यांग बहन को कंधे पर लादकर तहसील पहुंची. इस दौरान उसने कहा कि आधार कार्ड नहीं होने के कारण उसकी दिव्यांग बहन की पेंशन नहीं आ पा रही है. वहीं, इस संबंध में राज्यमंत्री ने निस्तारण के आदेश दिए है.
दरअसल, शनिवार को जिले की तीनों तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया. सदर तहसील में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण विभाग असीम अरूण ने फरियादियों की शिकायतें सुनी. चल रहे तहसील समाधान में जलालाबाद कस्बा निवासी पुष्पा अपनी दिव्यांग बहन विमला को कंधों पर लादकर राज्यमंत्री के सामने पहुंची. युवती के कंधों पर दिव्यांग बहन को देखकर वहां मौजूद अधिकारियों में हड़कंप मच गया. युवती पुष्पा ने कहा कि उसकी बहन पूरी तरह से दिव्यांग है. बैठने और चलने में भी असमर्थ है. फिंगर प्रिंट न लगने की वजह से उसका आधार नहीं बन पा रहा है. जिसके चलते उसकी करीब छह माह से दिव्यांग पेंशन नहीं आ रही है. युवती ने राज्यमंत्री से बहन का आधार कार्ड, दिव्यांग पेंशन और ऑनलाइन वाला दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाए जाने की गुहार लगाई.
वहीं, राज्यमंत्री ने तत्काल सीएमओ को दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के निर्देश दिए. साथ ही कल्याण विभाग को पेंशन की समस्या को जल्द से जल्द दूर करने के आदेश दिए. पुष्पा ने बताया कि आधार कार्ड की वजह से दिव्यांग बहन की पेंशन रूक गई है. करीब पांच-छह माह से पेंशन नहीं आ रही है. घर में कोई कमाने वाला नहीं है. पिता भी बुजुर्ग है. उनकी भी पेंशन नहीं आ रही है. जिससे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन दिव्यांग जनों के प्रति कितना सजग है. इसकी बानगी समाधान दिवस पर देखने को मिली है. जिम्मेदार युवती को एक व्हील चेयर तक उपलब्ध नहीं करा सके.
यह भी पढ़ें-Gorakhpur के कब्रिस्तानों में नहीं बची है जगह, अब ऐसे दफन किए जाएंगे शव