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अपने बेबाक बयानों के लिए जाने वाले पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल का निधन

यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री विजय बहादुर पाल ( Former Minister Vijay Bahadur Pal ) का निधन हो गया. वह समाजवादी पार्टी के नेताओं में अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे.

विजय बहादुर पाल का निधन
विजय बहादुर पाल का निधन

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Published : Dec 6, 2022, 2:56 PM IST

कन्नौजः सपा सरकार में दो बार तिर्वा विधानसभा से विधायक व एक बार शिक्षा राज्यमंत्री रहे विजय बहादुर पाल ( Former Minister Vijay Bahadur Pal ) का लंबी बीमारी के बाद इलाज के दौरान मंगलवार को निधन हो गया. वह 82 साल के थे. 2018 में उनको पैरालिसिस का अटैक पड़ा था. तब से वह लगातार बीमार चल रहे थे. पूर्व राज्यमंत्री के निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई. उनके आवास पर भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्विट कर उन्होंने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है. वह मढ़पुरा गांव स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में अंग्रेजी विषय के अध्यापक भी रहे हैं. रियटार होने के बाद पूरी तरह से राजनीति में आ गए थे.

सपा सरकार में तिर्वा विधान से दो बार विधायक और शिक्षा राज्यमंत्री रहे विजय बहादुर पाल का जन्म औरैया जनपद के शिवरा गांव में 31 जनवरी 1941 को राम कृष्ण के घर हुआ था. वह अपने परिवार के साथ इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव में बने क्रांतिकारी शिक्षा सदन में रहते थे. बताया जा रहा है कि उन्हें साल 2018 में पैरालिसिस का अटैक पड़ा था. जिसके बाद से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. उनका कन्नौज से लेकर लखनऊ तक इलाज चला. वर्तमान में उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. मंगलवार को तड़के इलाज के दौरान पूर्व राज्यमंत्री का निधन हो गया. पूर्व राज्यमंत्री के निधन की खबर मिलते ही कार्यकर्ताओं व उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई. निधन की सूचना पर भारी संख्या में कार्यर्ताओं ने आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की.

सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने भी पूर्व राज्यमंत्री के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्विट कर शोक संवेदनाएं व्यक्त की है. कहा है कि तिर्वाविधान सभा से कई बार के विधायक व पूर्व मंत्री विजय बहादुर पालजी का निधन अत्यंत दुखद, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना. वह अपने बेवाक बयानों के लिए जाने जाते थे. उनके मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव के बेहद करीबी संबंध थे.

दो बार विधायक व एक बार शिक्षा राज्यमंत्री रहे विजय बहादुर पाल
बता दें कि तिर्वा विधान सभा-197 सीट पर पहली बार विधानसभा का चुनाव 1962 में हुआ था. विजय बहादुर पाल ने पहली बार 1985 में पंचायत चुनाव लड़ा था. उन्हें हसेरन ब्लॉक प्रमुख चुना गया था. उसके बाद 1995 में भाजपा से जिला पंचायत के वार्ड नंबर 16 से सदस्य का चुनाव लड़ा था. इसमें भी उन्हें जीत मिली थी. इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. लेकिन वह प्रतिद्वंदी कप्तान सिंह से चुनाव हार गए. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 1996 में सपा की टिकट से उमर्दा विधानसभा में पहला चुनाव लड़ाया. लेकिन इस चुनाव में कैलाश राजपूत ने उन्हें शिकस्त दे दी. इसके बाद साल 2002 में सपा से विजय बहादुर पाल ने चुनाव जीता था. 2007 में कैलाश राजपूत ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद 2012 में सपा की टिकट से एक बार फिर विजय बहादुर पाल ने चुनाव लड़ा. उन्होंने बसपा प्रत्याशी कैलाश राजपूत को हराकर दोबारा जीत हासिल की. 2012 से 2017 तक वह सपा सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री भी रहे.


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