कन्नौज: करीब दो साल पहले तिर्वा कोतवाली में पुलिस हिरासत में शिक्षक की मौत मामले में सीबीसीआईडी की जांच में तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत चार पुलिस कर्मी दोषी पाए गए हैं. थाना प्रभारी ने शिक्षक को बिना लिखा-पढ़ी के जबरदस्ती थाने में बैठा रखा था. सीबीसीआईडी ने तत्कालीन थाना प्रभारी, विवेचक, हेड मोहर्रिर व संतरी सिपाही पर मुकदमा दर्ज कराया है. बता दें कि शिक्षक ने 20 मार्च 2020 को पुलिस हिरासत में शौचालय में आत्महत्या कर ली थी.
जालौन जनपद के गिधौसा गांव निवासी पर्वत सिंह पेशे एक शिक्षक थे. वह औरैया जनपद के अछल्दा सेमपुर के प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे. होली पर्व पर शिक्षक की पत्नी नीरज देवी तिर्वा के सुक्खापुरवा गांव स्थित मायके आई थी. 17 मार्च को शिक्षक अपनी पत्नी को लेने आया था. लेकिन, पत्नी ने साथ जाने से इंकार कर दिया था. 19 मार्च को एक बार फिर शिक्षक ससुराल पत्नी को लेने पहुंचा था. जिसके बाद उसके साले ने शराब पीकर हंगामा करने की शिकायत पुलिस से की थी. जिस पर पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया था.
सलाखों के पीछे बंद शिक्षक ने कोतवाली के शौचालय में गमछा से फांसी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली थी. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था. वहीं, मृतक के पिता श्रीराम पुत्र हुलासी ने तिर्वा कोतवाली में बहू नीरज, साले प्रगति कुमार, शिशिर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, मेरठ के शास्त्री नगर निवासी ठाकुर अभिषेक सोम ने हाईकोर्ट में एक जनयाचिका दाखिल की थी. आरोप था कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं. जिससे पता चलता है कि थाने में उसको पीटा गया था. मौत होने के बाद घटना को आत्महत्या का रूप दे दिया गया. इसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी.
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करीब दो साल तक चली जांच में पता चला कि तत्कालीन थाना प्रभारी टीपी वर्मा ने शिक्षक पर्वत सिंह को अवैध रूप से पुलिस हिरासत में रखा था. वहीं, जांच में यह भी सामने आया कि हेड मोहर्रिर राधेश्याम ने मृतक के सालों से शिकायती पत्र लेने के बावजूद कोई कानून कार्रवाई नहीं की थी. वहीं, शिक्षक को शौचालय ले जाने वाले सिपाही अरूण कुमार दरवाजे पर खड़ा रहने की बजाए शौचालय में अकेला छोड़कर चला गया था.
इसके अलावा विवेचक विकास राय द्वारा मृतक की मौत का कारण स्पष्ट न होने पर विसरा प्रिजर्व कर परीक्षण के लिए लखनऊ भेजा गया था. लेकिन, बिना रिपोर्ट और सत्यता जांचे बगैर ही विवेचना रिपोर्ट मनमाने ढंगे से प्रस्तुत कर दी. इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा सीबीसीआईडी कानपुर के निरीक्षक विमलकांत मिश्रा ने जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन तिर्वा थाना प्रभारी टीपी वर्मा, तत्कालीन विवेचक विकास राय, तत्कालीन हेड मोहर्रिर राधेश्याम व सिपाही अरूण कुमार के खिलाफ धारा 166, 306, 342, 217, 218 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.
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