कन्नौजःनेशनल हाई-वे 91 के चौड़ीकरण के लिए करीब 57 गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण की जा रही है. जमीन का कम मुआवजा दिए जाने से किसान नाराज है. जमीन की सही कीमत की मांग को लेकर छिबरामऊ ब्लॉक क्षेत्र के सिंकदरपुर में किसान जीटी रोड के किनारे धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि जमीन का मुआवजा दो गुना की बजाय चार गुना दिया जाए. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उचित मुआवजा न मिला तो सरकार को जमीन नहीं देंगे. किसानों ने चौड़ीकरण का काम भी बंद करवा दिया है.
कन्नौज : जमीन का कम मुआवजा मिलने से नाराज किसानों ने दिया धरना
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में किसान जमीन का उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं. नेशनल हाई-वे 91 के चौड़ीकरण में गई किसानों की जमीन का मुआवजा दोगुना दिया जा रहा है, जबकि किसान चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि उचित मुआवजा नहीं मिला तो जमीन नहीं देंगे.
57 गांवों के किसानों की जमीन होगी अधिग्रहीत
जिले से निकले नेशनल हाई-वे 91 का चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है. हाई-वे को सिक्सलेन बनाया जा रहा है. चौड़ीकरण के लिए करीब 57 गांवों के किसानों की जमीन हाई-वे में जा रही है. किसान अपनी कीमती जमीन सरकार को देने को तैयार हो गए हैं, लेकिन हाई-वे का काम कर रही कंपनी किसानों की जमीन का उचित मुआवजा नहीं दे रही है. इससे नाराज होकर छिबरामऊ ब्लॉक क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव के किसान अनशन पर बैठ गए. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी कीमती व उपजाऊ जमीन तो ले रही है, लेकिन उसकी पूरी कीमत अदा नहीं कर रही है. जमीन का चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन कंपनी सिर्फ दो गुना ही मुआवजा दे रही है. कहा कि जमीन की सही कीमत न मिलने तक धरना जारी रहेगा. साथ ही जमीन भी सरकार को नहीं देंगे.
छह लाख बीघा मिल रहा मुआवजा
सुरेश कुमार शुक्ला ने बताया कि हमारी जमीन का छह लाख रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि 12 लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए. अगर ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से जमीन ली जा रही है तो जमीन का चार गुना और शहरी क्षेत्र में ले रहे है तो वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. कहा कि कम मुआवजे पर किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे. सिकंदरपुर गांव निवासी अमर शुक्ला का कहना है कि कंपनी जमीन के चार गुना मुआवजे की बजाय दो गुना दे रही है. कहा कि आधी कीमत में किसी भी हालत में जमीन नहीं देंगे. जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलता है, धरना जारी रहेगा.
इस्माइलपुर के किसान भी कर चुके हैं अनशन
इससे पहले इस्माइलपुर के किसान भी कम मुआवजा दिए जाने का आरोप लगाते हुए अनशन पर बैठ गए थे. किसानों का 14 दिन तक अनशन चला था. सही मुआवजे का आश्वसन मिलने के बाद धरना खत्म किया था.