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तहसील में भूख हड़ताल पर बैठा परिवार, जानिए क्यों - जबरन निर्माण के खिलाफ परिवार का प्रर्दशन

कन्नौज में नगला मधई गांव में दबंगों ने सरकारी चकरोड पर जबरन पक्का निर्माण बनाकर कब्जा कर रखा है. इसको लेकर पीड़ित परिवार छिबरामऊ तहसील में एसडीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गया है. न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार ने विधानसभा के सामने आमरण अनशन पर बैठने की धमकी दी है.

भूख हड़ताल पर बैठा परिवार
भूख हड़ताल पर बैठा परिवार

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Published : Jan 11, 2021, 3:43 PM IST

कन्नौज: तालग्राम थाना क्षेत्र के नगला मधई गांव में दबंगों ने सरकारी चकरोड पर जबरन पक्का निर्माण बनाकर कब्जा कर रखा है. पीड़ित चकरोड को कब्जा मुक्त कराए जाने की मांग को लेकर तहसील स्तर से लेकर कोर्ट तक न्याय की मांग कर चुका है, लेकिन उसकी फरियाद कहीं पर नहीं सुनी गई. न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार छिबरामऊ तहसील में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया. पीड़ित परिवार इसे पहले भी कई बार धरने पर बैठ चुका है. न्याय न मिलने पर पीड़ित परिवार ने विधान सभा के सामने आमरण अनशन पर बैठने की धमकी दी है.

एसडीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल

यह है पूरा मामला

तालग्राम थाना क्षेत्र के नगला मधई गांव निवासी पुष्पेंद्र अपने पिता रतीराम और मां के साथ सरकारी चकरोड से अवैध कब्जा हटाए जाने की मांग को लेकर सोमवार को छिबरामऊ तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ गया. पीड़ित ने बताया कि घर जाने के लिए सरकारी चकरोड का ही रास्ता है. गांव के ही रामअवतार, तुलाराम और हरीराम ने चकरोड पर अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कराकर रास्ता बंद कर दिया है. उसने आरोप लगाया है कि मुकदमा जीतने पर कोर्ट ने रास्ता खुलवाने का आदेश किया था, लेकिन उसके बावजूद प्रशासन रास्ता नहीं खुलवा रहा है. उसने बताया कि वह डीएम, एसडीएम समेत जिले के सभी अधिकारियों से न्याय की फरियाद लगा चुका है, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला है. पीड़ित ने न्याय न मिलने पर विधानसभा के सामने आमरण अनशन करने की धमकी दी है.

पहले भी भूख हड़ताल पर बैठ चुका है परिवार

पीड़ित ने बताया कि दबंगों ने करीब पांच साल पहले चकरोड पर कब्जा कर लिया था. रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर पिता रतिराम व मां 12 मई 2019 को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना पर बैठे थे. तब तत्कालीन डीएम रवींद्र कुमार ने कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था, लेकिन आज तक रास्ता नहीं खुल सका है.



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