कन्नौज : शिखा कन्नौज के गांधीनगर मोहल्ला में रहती हैं. बीएड कर रही शिखा फीस जमा कराने के लिए 5 नवंबर को तिर्वा के स्टेट बैंक ब्रांच में पहुंचीं. उनके खाते में करीब 1 लाख 10 हजार रुपए जमा थे. शिखा ने बीएड की फीस के लिए 30 हजार रुपए की निकासी का फॉर्म भरकर काउंटर पर जमा किया. कुछ देर बाद बैंक कर्मी ने बताया कि उसके खाते में पैसे ही नहीं हैं. इतना सुनते ही शिखा के पैरों तले की जमीन खिसक गई. आनन-फानन में शिखा ने अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी.
12 ट्रांजैक्शन में निकाले 1 लाख 10 हजार
इसके बाद शिखा ने अपने खाते का मिनी स्टेटमेंट निकलवाया. तब कहीं जाकर शिखा को पता चला कि उसके खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन कर 1 लाख 10 हजार रुपए निकाले गए गए हैं. बैंक से जानकारी करने पर यह भी पता चला कि यह ट्रांजैक्शन महाराष्ट्र के सीएसपी यानि जन सुविधा केंद्र से किया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि खाते से 12 बार ट्रांजैक्शन किए गए और शिखा के मुताबिक एक बार भी उसके पास ट्रांजैक्शन के मैसेज नहीं आए. जबकि शिखा का दावा है कि उसके अकाउंट में उसका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है. अपने पैसे गंवा चुकी शिखा को अहसास हो चुका था कि वह साइबर क्राइम का शिकार हो चुकी है. जो कभी महाराष्ट्र गया नहीं हो उसके खाते से महाराष्ट्र में पैसे निकाले गए. यह ट्रांजैक्शन 29 अगस्त से शुरू हुआ था.