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घर में घुसकर मारपीट व जानलेवा हमला मामले में 7 सगे भाइयों समेत 8 लोगों को 4 साल की कैद - today court news

Court News : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में मकान निर्माण विवाद को लेकर घर में घुसकर मारपीट करने व जानलेवा हमला करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने सात सगे भाईयों समेत आठ लोगों को सुनाई चार साल कैद की सजा. कोर्ट ने दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

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Published : Dec 3, 2021, 7:49 PM IST

कन्नौज :Court News : मकान निर्माण विवाद को लेकर घर में घुसकर मारपीट करने व जानलेवा हमला करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने सात सगे भाईयों समेत आठ लोगों को सजा सुनाई है. जिला जज विरजेंद्र कुमार सिंह ने सभी आरोपियों को चार साल कारावास की सजा सुनाई है, इसके साथ ही दो हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

क्या है पूरा मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता मो. सालिम ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के मलिकापुर गांव निवासी ऊषा देवी पत्नी गुड्डू उर्फ रामासरे ने 26 सितंबर 2014 को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसको मकान बनवाने के लिए इंदिरा आवास योजना से रुपए मिले थे. मकान बनवाने के लिए अपनी जगह पर ईंट, मौरंग व सीमेंट आदि सामान रखा था.

26 सितंबर की सुबह करीब 9 लोग गांव के ही दयानंद, अनंतराम, विजय किशोर, राजू, नंदराम, कुंवर बहादुर, अमरनाथ पुत्रगण गोरेलाल व श्रीकांत पुत्र नंदराम आए. जगह अपनी बताते हुए गाली गलौज शुरू कर दी. पैमाइश में जगह उनकी निकलने की बात कहकर मकान निर्माण का विरोध करने लगे. विरोध करने पर उक्त लोगों ने लाठी-डंडा, फावड़ा व ईंट-पत्थरों से पति गुड्डू व देवर पर जानलेवा हमला बोल दिया. शोरगुल सुनकर बचाने आए चचिया ससुर रामेश्वर को भी जमकर पीटा. पति को जान से मारने की नियत से फावड़ा से सिर पर हमला बोल दिया. उसके बाद घर में घुसकर उसको, ननद पिंकी व सास गंगावती को भी जमकर पीटा. ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर दबंगों के चंगुल से बचाया.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल करने के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. शुक्रवार को आरोप सिद्ध होने पर जिला जज विरजेंद्र कुमार सिंह ने सात सगे भाइयों समेत समेत आठ लोगों को चार साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी पर दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

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जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जज ने सभी आरोपियों को धारा 147, 148 में एक साल श्रम कारावास, धारा 323 में छह माह का श्रम कारावास, धारा 308 में चार साल कारावास व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 452 में चार साल कारावास व एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 506 में एक साल कारावास व 7 सीएलए एक्ट 1932 में चार माह कारावास की सजा सुनाई है. बताया कि जुर्माना की सजा छोड़कर सभी सजाएं एक साथ चलेगी.

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