कन्नौज:नगर पंचायत तिर्वा में व्याप्त भ्रष्टाचार की मांग को लेकर चार सभासदों ने कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू किया था. एसडीएम के जांच कर कार्रवाई का आश्वसन देने के बाद सभासदों ने अनशन खत्म किया. बता दें कि बीते दो दिनों से सभासद आमरण अनशन पर बैठे थे. एसडीएम ने सभासदों को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया. सभासदों ने एक सप्ताह के भीतर जांच शुरू न होने पर दोबारा अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है. सभासदों ने चैयरमैन पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था.
ये है पूरा मामला
दरअसल बीते बुधवार को तिर्वा नगर पंचायत के सभासद शिखर गुप्ता, सचिन गुप्ता, सभासद प्रतिनिधि शानू सिद्दीकी ने चैयरमैन पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए थे. चारों सभासद कार्यालय परिसर में आमरण अनशन पर बैठे थे. सभासदों का आरोप था कि नगर पंचायत में होने वाले हर काम में भ्रष्टाचार होता है. अनशन पर बैठे सभासदों ने कहा कि, नगर पंचायत द्वारा बनवाई जा रही कान्हा गोशाला के निर्माण के लिए शासन से 1.62 करोड़ रुपए पारित हुए थे. जिसमें अभी तक 25 प्रतिशत काम भी नहीं हुआ है. जबकि 82 लाख रुपए बजट पास कर दिया गया और जो सामग्री लगाई जा रही है वह घटिया क्लालिटी की है. इसके अलावा सभासदों ने नगर पंचायत के कई कार्यों का खुलासा करते हुए नगर पंचायत के ऊपर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. विधायक के समझाने के बावजूद भी सभासदों ने आमरण अनशन खत्म नहीं किया था. सभासद मांगों को लेकर दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर बैठे रहे थे.
जांच का आश्वासन मिलने के बाद सभासदों ने खत्म किया अनशन - कार्यालय परिसर में आमरण अनशन कन्नौज
कन्नौज जिले की तिर्वा नगर पंचायत के सभासद शिखर गुप्ता, सचिन गुप्ता, सभासद प्रतिनिधि शानू सिद्दीकी ने चैयरमैन पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए थे. चारों सभासद नगर पंचायत कार्यालय परिसर में आमरण अनशन पर बैठे थे. गुरुवार को प्रशासन की तरफ से जांच के बाद कार्रवाई का आश्वसन देने के बाद सभासदों ने अपना अनशन खत्म कर दिया.
सभासदों ने खत्म किया अनशन
एसडीएम के समझाने पर खत्म किया अनशन
गुरुवार की देर शाम एसडीएम जयकरन के समझाने के बाद सभासदों ने अनशन खत्म कर लिया. एसडीएम ने नगर पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. बाद में एसडीएम ने जूस पिसाकर अनशन खत्म कराया. साथ ही सभासदों ने चेतावनी दी है कि अगर एक हफ्ते के अंदर मामलों की जांच ना हुई, तो वह दोबारा अनशन पर बैठ जाएंगे.