कन्नौजःजिले में कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमें में हड़कम्प मच गया. स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसको तुरंत ही राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती किया गया. हालांकि साधारण जांच में अभी कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हो पायी है, लेकिन मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन पूरी तरह से कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए अभी मरीज को रोककर आगे की जांच करने की बात कह रहा है.
तिर्वा क्षेत्र के कनौली गांव से 108 नम्बर पर एम्बुलेंस कर्मचारी को एक सूचना मिली कि गांव में कोरोना वायरस से ग्रसित एक मरीज है. इसकी सूचना एम्बुलेंसकर्मी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. दिलीप कुमार को दी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया. हालांकि प्रथम परीक्षण में उसमें कोरोना वायरस से सम्बन्धित लक्षण नहीं मिले हैं. डाक्टरों को मानना है कि उसको फ्लू है, सांस में कोई तकलीफ नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर इस संदिग्ध मरीज को देखते हुए डॉक्टरों ने पूर्ण परीक्षण की जांच के बाद ही पुष्टि किये जाने की बात कही है.
संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप. महामारी की फैल रही दहशत एक महामारी की तरह चीन से शुरू हुआ जानलेवा कोरोना वायरस की दहशत अब यहां भी पूरी तरह फैल चुकी है. देश में इस वायरस से संबंधित कई मरीज चिन्हित किए जा चुके हैं. ऐसे में शासन ने पूरे प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट घोषित किया है.
वायरस से निपटने के लिए बनाया गया आइसोलेशन वार्ड
कोरोना वायरस से निपटने के लिए शहर के राजकीय मेडिकल कालेज तिर्वा सौ शैय्या अस्पताल छिबरामऊ में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. इसमें बेहतर बेड व्यवस्था के साथ ही मच्छरदानी की भी व्यवस्था की गई है. कोरोना वायरस से संबंधित सैंपल लेने से लेकर अन्य सभी प्रकार के इंतजाम पूरी तरह दुरुस्त कर लिए गए हैं. सैंपल लेने के लिए पीपीटी किट के साथ कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए के-95 मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स, लक्विडि शॉप आदि की व्यवस्था कर ली गई है.
कैसे होगी कोरोना वायरस की जांच
ए-सस्टिमैटिक टेस्ट से कोरोना वायरस का पता चल पाएगा. इसके लिए एक मीडिया वायल आती है, जिसमें पहले से ही तरल भरा होता है. इसी वायल में ब्लड सैंपल लिया जाता है. वायल को शून्य डिग्री तापमान में रखकर जांच के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ भेजा जाएगा.
कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण
कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन से हुई है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस वायरस के संक्रमण से जुखाम के साथ सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या पैदा हो जाती है. बुखार के साथ खांसी, जुखाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश होने लगती है. इस वायरस के यह प्रमुख लक्षण हैं.
कोरोना से कैसे करें बचाव
किसी भी बीमारी से बचने के लिए सुरक्षा ही बेहतर उपाय है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सभी लोगों को मास्क पहनना चाहिए. इससे श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियों और बैक्टीरिया से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह वाहन चलाते समय हेलमेट आवश्यक है, उसी तरह बीमारियों से बचने के लिए मास्क भी आवश्यक है.
कोरोना के संदिग्ध मरीज की दी जानकारी
राजकीय मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्साधीक्षक डाॅ. दिलीप कुमार ने बताया कि मेरे पास एक फोन आया था. 108 के कर्मचारी ने बताया कि एक मरीज को दिक्कतें हो रही है. कोरोना वायरस का वह पेसेंट है. वह किसी प्राइवेट डॉक्टर के पास गया होगा. जिसने कह दिया होगा कि आपको दिखाने की जरूरत है. हो सकता है कि कोरोना वायरस के लक्षण हो.
यहां आने के बाद मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डाॅ. प्रीतम सिंह ने देखा, उसको साधारण फ्लू है, जुकाम है और न ही उसको सांस लेने में दिक्कत और न ही उसकी फैमिली हिस्ट्री है कि कोई बाहर गया हो या कहीं से बाहर से कोई आया हो. अभी तो वह साधारण ही मरीज लग रहा है, लेकिन फिर भी ऐतिहातन उसको हमने आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया है.