कन्नौज: कोरोना एक संक्रमित बीमारी है, जो पहले जानवरों में हुई थी और आज उसने बड़ा रूप ले लिया है. कोरोना का वायरस अब इंसानों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस वायरस की बीमारी से बचाव के लिए थोड़ी सी सावधानी व सतर्कता जरूर बरतनी होगी, जिससे इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है. कोरोना से बचने के लिए कन्नौज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण स्वरूप ने आम जनता से यह अपील की है कि वह ज्यादा जरूरत न होने पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ना जाएं. कोई भी चीज छूने, हाथ मिलाने और खाना खाने से पहले 20 सेकंड तक अच्छे ढंग से हाथ धोए. संदिग्ध व्यक्ति से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें. उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सूखी, खांसी व सांस लेने में यदि दिक्कत है तो कोरोना के यह प्रमुख लक्षण है. अगर ऐसा कोई मरीज है तो उसकी जांच बहुत जरूरी है.
कोरोना वायरस को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी ने प्रेस वार्ता. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि पब्लिक प्लेस पर अगर कोई व्यक्ति दरवाजा, हैंडल आदि छूता है, तो कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह से हाथ धो ले, इसके पहले वह अपने हाथों को मुंह, आंख, नाक और मोबाइल या चश्मा पर न लगाएं. उन्होंने कहा कि 10 मिनट में यह वायरस खत्म हो जाता है सिर्फ हाथों को मुंह पर नहीं रखना है. अगर दिमागी रूप से आप तैयार हो तो वायरस को रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से पोजिटिव मिला तो उस क्षेत्र के एक किमी दायरे में लोगों की स्कैनिंग होगी. खांसी, जुखाम से पीड़ित मरीजों की खास तौर पर स्क्रीनिंग कराई जाएगी. बेवजह लोगों के चेकअप की बजह से कोरोना वायरस की जांच से जरूरतमंद को लाभ नहीं मिल पाता है और देरी होती है. हर आदमी को मास्क के बाद सैनिटाइजर की जरूरत नहीं है अगर लोग घर पर हैं तो उनको इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. सबसे पहले वह खुद सुरक्षित रहें. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए यूपी में 3 स्थान बनाए गए हैं , जिसमें बीएचयू, बनारस और लखनऊ के जीएमसी में लैब है जिसमें कोरोनावायरस की जांच की जाती है.
इसे भी पढ़ें-कन्नौज: पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत, कोतवाली प्रभारी लाइन हाजिर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि जिले में कोरोना का कोई मरीज अभी तक नहीं मिला है इसके बावजूद कोरोना से निपटने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं. अगर किसी गांव में कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता हैं तो गांव की स्क्रीनिंग करवाई जाएगी. इसके चलते 11 टीमों का गठन भी किया गया है. 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है. दस्तक अभियान के तहत आशाएं घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं , जिससे बीमारी का डर लोगों से निकाला जा सके.
50 साल से पहले से वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस की थी जानकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कृष्ण स्वरूप ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर आपाधापी मची हुई है. इसको लेकर तेजी से भ्रांतियां फैल रही हैं कोरोना वायरस कोई नया नहीं है. इसके बारे में 50 साल से साइंटिस्टों को जानकारी थी. पहले यह जानवरों में होता था, अब खतरनाक हो गया है तो आदमी पर अटैक करने लगा है.