कन्नौज: कुछ दिन पहले 17 मई, 2021 को चक्रवात ताउते मुंबई के तट पर अरब सागर से टकराया था. इस तूफान ताउते में बार्ज पी-305 फंस गया था. यह बार्ज अरब सागर में डूब भी गया. इस पर 261 लोग सवार थे, जिनमें से 50 से अधिक लोग मारे गए, जबकि 24 अभी भी लापता हैं. इस जहाज में कन्नौज के गांव चंदापुरवा निवासी अमित कुशवाहा भी था. वह बार्ज पी-305 पर बतौर पेंटर तैनात था. बार्ज के डूबने के बाद अमित 14 घंटे तक तूफान के बीच समंदर में तैरता रहा. उसने हिम्मत दिखाई तो किस्मत ने भी साथ दिया. अमित को तैरता देख इंडियन नेवी ने उसे अरब सागर से बाहर निकाला.
जब मौत को मात देकर अमित कुशवाहा अपने घर लौटा, उसके माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े. बेटे को सकुशल सामने देखकर वे गले से लगाकर लिपट कर रोने लगे. घटना के करीब 8 दिन बाद भी आपबीती बताते समय अमित की आंखों के सामने मौत का मंजर आ जाता है.
पहली जनवरी को गए थे बार्ज पर ड्यूटी करने
चंदापुरवा गांव निवासी अमित कुमार कुशवाहा (32) बार्ज पी-305 जहाज पर पेंटर के पद पर तैनात था. 10 फरवरी 2019 को मैथ्यू कंपनी के माध्यम से उसकी भर्ती हुई थी. एक जनवरी 2021 को ड्यूटी पर गए थे. अमित बताते हैं कि ड्यूटी के दौरान उन्हें तूफान की जानकारी मिली. उन्हें बताया गया कि तूफान ताउते की स्पीड 60 किलो मीटर प्रतिघंटा की है. इस सूचना के बाद बार्ज को प्लेटफॉर्म से हटाकर 200 मीटर दूर खड़ा कर दिया गया था.
लहरों की वजह से पूरी रात हिलता रहा जहाज
अमित कुशवाहा ने बताया कि 15 मई की शाम यूनिट के सदस्य खाना खाकर कमरे में लेटने चले गए. तूफान की वजह से जहाज पूरी रात हिलता रहा. हिलने-डुलने के कारण जहाज की कैंटीन में आग लग गई. 16 मई की सुबह सभी लोग कैंटीन में नाश्ता करने के लिए पहुंचे तो आग लगने की जानकारी मिली. इसके बाद जहाज पर नाश्ता न मिलने की घोषणा कर दी गई.