सावधान! इन रंगों से न खेलें होली, त्वचा को हो सकता है नुकसान - holi 2019
होली में रासायनिक रंगों का इस्तेमाल आप पर भारी पड़ सकता है. ये रंग त्वचा पर बहुत बुरा असर डालते हैं. साथ ही आंखों और बालों के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. इसलिए इन रंगों की बजाय प्राकृतिक रंग प्रयोग करना चाहिए.
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केमिकल से बने रंगों का इस्तेमाल हो सकता है घातक
कन्नौज:हर साल की तरह इस साल भी होली के मौके पर बाजार में केमिकल युक्त रंगों की भरमार देखने को मिल रही है. ये रंग कहीं होली के रंग में भंग न डाल दें, इसलिए सोच-समझ कर ही रंग खरीदें. केमिकल युक्त रंग आपकी त्वचा और आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इन रंगों में इतने खतरनाक केमिकल होते हैं कि उनसे त्वचा, आंख, किडनी, लीवर और फेफड़ों में गंभीर इंफेक्शन होने का खतरा होता है. साथ ही त्वचा के झुलसने का खतरा भी रहता है.
केमिकल से बने रंगों का इस्तेमाल हो सकता है घातक.
केमिकल युक्त रंग त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. रंग लगने के बाद खुजली होना, दाग पड़ जाना और सूजन जैसी समस्याएं सामने आती हैं. वहीं स्किन कैंसर का खतरा भी रहता है. लोगों का मानना है कि सूखे रंग से होली खेलना अधिक सुरक्षित होता है लेकिन ऐसा नहीं है. सूखा रंग हवा में मिलकर आपके नाक और मुंह के रास्ते शरीर के अंदर पहुंच जाता है जो दमा जैसी बीमारियों को जन्म देता है. बालों में रंग लगने के बाद बाल झड़ने और डेंड्रफ जैसी कई समस्याएं भी सामने आती हैं.
खतरनाक रंगों से कैसे करें बचाव
होली पर हानिकारक केमिकल रंगों से बचने के लिए होली खेलने से पहले मुंह और बालों में क्रीम और सरसों का तेल आदि लगा लें. साथ ही पूरे शरीर को कपड़ों से अच्छी तरह ढक लें. इसके अलावा कान, नाक, आंख के आसपास वैसलीन लगा लें. ऐसा करने से हानिकारक रंग त्वचा के अंदर नहीं जा पाएंगे.रंग छुड़ाने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. कई बार लोग रंग छुड़ाने के लिए केरोसिन ऑइल और पेट्रोल आदि का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने से शरीर पर दाने निकल सकते हैं. रंग छुड़ाने के लिए बेसन के पेस्ट का प्रयोग सबसे बेहतर उपाय है.
कैसे बनाएं प्राकृतिक रंग
घर में ही नेचुरल कलर बनाकर होली का पूरा आनंद लिया जा सकता है. हल्दी, चंदन, फूलों और सब्जियों की मदद से प्राकृतिक रंग तैयार किेए जा सकते हैं. लाल रंग के चंदन और अनार के छिलके को उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है. चुकंदर की जड़ से नीला रंग तैयार किया जा सकता है. वहीं हल्दी को चावल या आटे में मिला कर पीला रंग बनाया जा सकता है. इसके अलावा हरा रंग तैयार करने के लिए पालक, हरा धनिया और हरे गेहूं को पीसकर मेहंदी के आटे का इस्तेमाल किया जाता है.
खतरनाक रंगों से कैसे करें बचाव
होली पर हानिकारक केमिकल रंगों से बचने के लिए होली खेलने से पहले मुंह और बालों में क्रीम और सरसों का तेल आदि लगा लें. साथ ही पूरे शरीर को कपड़ों से अच्छी तरह ढक लें. इसके अलावा कान, नाक, आंख के आसपास वैसलीन लगा लें. ऐसा करने से हानिकारक रंग त्वचा के अंदर नहीं जा पाएंगे.रंग छुड़ाने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. कई बार लोग रंग छुड़ाने के लिए केरोसिन ऑइल और पेट्रोल आदि का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने से शरीर पर दाने निकल सकते हैं. रंग छुड़ाने के लिए बेसन के पेस्ट का प्रयोग सबसे बेहतर उपाय है.
कैसे बनाएं प्राकृतिक रंग
घर में ही नेचुरल कलर बनाकर होली का पूरा आनंद लिया जा सकता है. हल्दी, चंदन, फूलों और सब्जियों की मदद से प्राकृतिक रंग तैयार किेए जा सकते हैं. लाल रंग के चंदन और अनार के छिलके को उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है. चुकंदर की जड़ से नीला रंग तैयार किया जा सकता है. वहीं हल्दी को चावल या आटे में मिला कर पीला रंग बनाया जा सकता है. इसके अलावा हरा रंग तैयार करने के लिए पालक, हरा धनिया और हरे गेहूं को पीसकर मेहंदी के आटे का इस्तेमाल किया जाता है.