कन्नौज: रमजान का महीना अपने साथ ढेरों रहमतें और बरकतें लेकर आता है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुनव्वर हसन एडवोकेट ने बताया कि रमजान के महीने में आसमान और जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं. वहीं रमजान की फजीलत को बताते हुए अक्सर मौलाना बयान फरमाते हैं कि साल भर रमजान के एहतमाम में जन्नत को सजाया जाता है.
एक हदीस में आता है कि हर अमल का बदला जन्नत है और रोजे का बदला अल्लाह खुद है. अल्लाह फरमाता है कि रोजा मेरे लिए है और रोजे का बदला मैं खुद दूंगा. अल्लाह रोजेदार को दो खुशियां अता फरमाता है. पहली खुशी उसे तब मिलती है जब वह रोजा इफ्तार करता है और दूसरी खुशी उसे आखिरत में नसीब होगी जब वह अल्लाह तआला का दीदार करेगा.