झांसी : जिले में महानगर में लगभग 10 हजार मकानों के गिराए जाने के जेडीए के नोटिस के बाद इलाके के लोगों की नींद उड़ गई है. अधिकारियों को फरियाद लगाने के बाद विरोध में अब अनिश्चित कालीन धरना इन परिवारों की तरफ से किया जा रहा है. सोमवार को मकर संक्रांति होने की वजह से ज्यादातर परिवारों ने देर रात धरना स्थल पर ही चूल्हा जलाकर खाना बनाते हुए प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि जहां एक तरफ भगवान राम को उनके नए घर में स्थापित किया जा रहा है, वहीं सरकार झांसी में लोगों को घर से बेघर करने का काम कर रही है. सत्ता में बैठे झांसी के जनप्रतिनिधि इनकी समस्या सुनने तक का समय नहीं निकाल पा रहे. इन्होंने 22 जनवरी को होने वाली अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को धरना स्थल पर ही सामूहिक तौर पर दीपक जलाकर मनाने का प्रण किया है.
हजारों लोगों की बढ़ी परेशानी :JDA द्वारा झांसी महानगर मे प्रखंडिय पार्क की भूमि पर बसी आबादी को हटाने तथा 10 हजार मकानों को ध्वस्त करने का आदेश कुछ दिन पूर्व एनजीटी के द्वारा दिया गया था, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट, जेडीए सचिव सहित भारी पुलिस बल मौके पर कार्यवाही के लिए पहुंचे थे. इसी दिन बाद से ही यहां रहने वाले हजारों लोगों की परेशानी बढ़ गई. कई जगह ज्ञापन और सड़क जाम कर विरोध करने के बाद भी कहीं सुनवाई नहीं हुई. अब इन सभी ने अनिश्चित कालीन धरना शुरू किया. धरने के दूसरे दिन सोमवार देर रात्रि कड़ाके की ठंड के बीच महिला पुरुष सभी डटे नजर आए.
1970 से बसी आबादी को जेडीए करेगा बेघर :प्रदर्शन में शामिल राहुल राजपूत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि उक्त मकान 1970 से बनाये गये हैं. विगत दिनों JDA द्वारा इन मकानों को अवैध व नगर पार्क में आरक्षित होना बताया गया और सभी को मकान खाली करने के नोटिस भेज दिए गए, जबकि सभी मकानों की रजिस्ट्री, नामान्तरण नियमानुसार किया गया है और तो और नगर निगम की तरफ से बिजली, पानी, सड़क जैसी अन्य सुविधायें उपलब्ध हैं.