झांसी: भारत विविधताओं का देश है, यहां अलग-अलग धर्मों और संस्कृति को मानने वाले लोग हैं. यहां लोगों के बीच प्रेम, एकता, शांति व भाईचारे को बढ़ावा देना ही इंसान का असली धर्म माना जाता है. सोमवार को झांसी में इसकी मिशाल पेश की गई. जिले के शिवाजी नगर स्थित अमीटा हाउस में 'जश्ने बशीरी' अलहाज हजरत सूफी संत बसीर उल औलिया रहमतुल्लाह अलेह का कुल शरीफ उर्स बड़े धूमधाम से मनाया गया. उर्स में फिरोजाबाद के कव्वालों ने सूफियाना कलाम पढ़कर शमा बांध दिया. इस दौरान मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी गई.
बता दें कि उर्स के मौके पर शिवाजी नगर के अमीटा हाउस में हजरत सूफी फैजानुल की तरफ से जश्न-ए-वशीरी का आगाज किया गया. फिरोजाबाद से आए ताज अनबर कव्वाल पार्टी ने अपने सूफियाना कलाम में 'मेरे सरकार आए', 'नजर के सामने मेरा सनम है', 'मुझे गमज़दा देखकर यूं बोले', 'हमारा है तू बेसहारा नहीं' कलाम पढ़कर महफिल को रोशन किया.