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वर्ल्ड टूरिज्म डे: झांसी में परवान नहीं चढ़ रही पर्यटन की योजनाएं - story of jhansi on world tourism day

ऐतिहासिक रूप से समृद्ध और बुन्देलखण्ड की हृदयस्थली होने के बावजूद झांसी में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं. यदि किले के आसपास सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो पर्यटकों के ठहरने की संभावना बढ़ेगी.

झांसी में परवान नहीं चढ़ रही पर्यटन की योजनाएं.

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Published : Sep 27, 2019, 5:15 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 11:05 AM IST

झांसीः ऐतिहासिक झांसी किले की पूरी दुनिया में ख्याति होने के बावजूद यहां नाम मात्र के ही विदेशी पर्यटक आते हैं. झांसी में किले के अलावा रानी महल, बरुआसागर का किला, जराय का मठ सहित कई ऐतिहासिक पर्यटक स्थल हैं, लेकिन अधिकांश विदेशी पर्यटक झांसी से होते हुए मध्य प्रदेश के ओरछा या खजुराहो के लिए रवाना हो जाते हैं.

झांसी में परवान नहीं चढ़ रही पर्यटन की योजनाएं.

आजादी की पहली लड़ाई का गवाह है किला
झांसी का ऐतिहासिक किला बुन्देलखण्ड के पर्यटन का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है. आजादी की पहली लड़ाई के दौरान यह किला झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और अंग्रेजों के बीच युद्ध का गवाह है. बंगरा पहाड़ी पर इस किले का निर्माण 1,613 में बुंदेला राजा वीर सिंह जूदेव ने करवाया था. बाद में इस दुर्ग में मराठा शासक नारू शंकर ने कई परिवर्तन कराए. झांसी दुर्ग पुरातत्व का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है और यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. झांसी दुर्ग के ही समीप झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का महल भी स्थित है.

पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन और होटल प्रबंधन संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कबिया बताते हैं कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध है. यहां की विरासत को संरक्षित करेंगे तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. जितना यहां आकर्षण है, उसके हिसाब से पर्यटक बहुत कम आते हैं. जो पर्यटक आते भी हैं तो झांसी नहीं रुकते. वे ओरछा या खजुराहो चले जाते हैं. यदि किले के आसपास सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो पर्यटकों के ठहरने की संभावना बढ़ेगी.

शासन-प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
पर्यटन विशेषज्ञ प्रतीक तिवारी कहते हैं कि झांसी का किला, बरुआसागर का किला, रानी का महल, रानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक मंदिर को शासन-प्रशासन ने अनदेखा कर दिया है. यदि इसका प्रचार-प्रसार किया जा जाए तो झांसी को अन्य पर्यटन स्थलों की तरह सफलता मिलेगी. इससे यहां देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी.

पर्यटकों की संख्या बढ़ने का दावा
पर्यटन विभाग के उप निदेशक राजेन्द्र कुमार रावत की माने तो झांसी में देशी और विदेशी दोनों पर्यटक आते हैं. यहां का सबसे महत्वपूर्ण स्थल झांसी का किला है. पर्यटकों को शाम को किले में रोकने के लिए लाइट एण्ड साउंड शो चलाया जाता है. झांसी में साल 2019 में जनवरी से जुलाई तक 62,484 विदेशी पर्यटक और भारतीय पर्यटक 35,95,380 आए. ये आंकड़े बढ़ेंगे क्योंकि सीजन अक्टूबर से शुरू होता है और फरवरी तक चलता है.

Last Updated : Sep 28, 2019, 11:05 AM IST

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