झांसीः ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल के निकट प्रस्तावित नगर पार्क की जमीन पर अतिक्रमण का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में पहुंचने के बाद अब जिले के अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं. तालाब के आसपास की जमीन पर पिछले कई दशकों में अतिक्रमण कर मकान बनाये जाने की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से की थी. अब एनजीटी ने जिले के अफसरों से इस पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है.
लक्ष्मी ताल के नगर पार्क पर अतिक्रमण का मामला पहुंचा NGT, प्रशासन की भूमिका पर सवाल - NGT sent notice to Jhansi Development Authority
झांसी के ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल के निकट प्रस्तावित नगर पार्क की जमीन पर अतिक्रमण मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अधिकारियों से जवाब-तलब किया है. एनजीटी ने जिले के अफसरों से इस पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है.
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एनजीटी के आदेश के बाद शासन और स्थानीय प्रशासन के स्तर पर सक्रियता बढ़ गई है. इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई है. जिसमें राजस्व विभाग व झांसी विकास प्राधिकरण के अफसर शामिल हैं. पुराने रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं और अतिक्रमण को लेकर अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ग्राउंड सर्वे करने की जिम्मेदारी भी टीम को दी गई है. आला अफसर इस पूरे मामले की कार्रवाई अपनी निगरानी में करा रहे हैं. झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित के अनुसार इस मामले में टीम गठित की गई है और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की जा रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता और एनजीटी में याचिका दाखिल करने वाले गिरिजा शंकर राय ने बताया कि 1984 में जेडीए का गठन हुआ और महायोजना के तहत शहर में दो बड़े पार्क बनाये जाने थे. लक्ष्मी ताल के पास जो जमीन थी, उसमें प्लाटिंग कर ली गई. यहां 83 एकड़ जमीन में से 59 एकड़ जमीन बची है. हमने एनजीटी में शिकायत की थी. एनजीटी ने अफसरों को नोटिस भेजा है और हमे उम्मीद है कि मामले में कार्रवाई की जाएगी.