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सिंचाई विभाग में घोटाला! जो बांध प्रभावित गांव के थे ही नहीं, उन्हें दे दिया गया मुआवजा

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ और सामाजिक कार्यकर्ता मुदित चिरवारिया ने गांधी उद्यान में प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि लखेरी बांध के निर्माण में कई ऐसे लोगों को बचेरा गांव का निवासी बताकर मुआवजा दे दिया गया जो उस गांव के निवासी ही नहीं हैं. यह दावा उन्होंने सिंचाई विभाग से आरटीआई से मिले दस्तावेजों के आधार पर किया है.

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Published : Aug 18, 2021, 4:42 PM IST

सिंचाई विभाग में घोटाला!
सिंचाई विभाग में घोटाला!

झांसी: सिंचाई विभाग से आरटीआई से मिले दस्तावेजों के आधार पर किसान रक्षा पार्टी ने झांसी में बुधवार को एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है. किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ और सामाजिक कार्यकर्ता मुदित चिरवारिया ने गांधी उद्यान में प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि लखेरी बांध के निर्माण में कई ऐसे लोगों को बचेरा गांव का निवासी बताकर मुआवजा दे दिया गया जो उस गांव के निवासी ही नहीं हैं. इसके अलावा कई ऐसे लोगों को मुआवजा दे दिया गया जिनके आवेदन के साथ कोई दस्तावेज नहीं थे. दूसरी ओर गांव के बहुत सारे लोग जिन्हें सरकार और प्रशासन ने पात्र घोषित किया, उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया. इसके अलावा भी कई मुद्दे उठाकर जांच और कार्रवाई की मांग की गई.

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि जिन लोगों को बचेरा गांव का निवासी बताकर मुआवजा दिया गया, उनकी जिला प्रशासन तलाश करे कि ये लोग कहां के रहने वाले हैं. ऐसे भी लोगों ने मुआवजा लिए हैं, जिसके पास कोई कागज नहीं है. हर बांध में और हर गांव में इसी तरह का खेल हो रहा है. यह पूरी जानकारी सिंचाई विभाग से आरटीआई से हासिल हुई है. सिंचाई विभाग यह जवाब दे कि यह कैसे हुआ. बचेरा गांव विस्थापित हो चुका है लेकिन बहुत सारे लोग अभी भी मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ
विदुआ ने कहा कि गुरसराय माइनर के पक्कीकरण के लिए पारीछा थर्मल प्लांट ने पैसा दिया था, लेकिन पक्कीकरण के कुछ समय बाद ही यह पूरी तरह से उखड़ गया और इसकी कोई जांच नहीं हुई. नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये के भुगतान की जानकारी आरटीआई में दी गई है लेकिन किसी का भी ड्रोन फोटो या वीडियो और भुगतान से सम्बंधित बिल सिंचाई विभाग उपलब्ध नहीं करा पाया. बबीना माइनर में 60 प्रतिशत किसानों का अभी भी भुगतान नहीं हो सका है. इन सभी जानकारियों से कमिश्नर को अवगत कराते हुये जांच की मांग की जायेगी.

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