झांसी : देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में फंसे यूपी के लाखों प्रवासी मजदूर वाहनों में छिपकर अपने घर लौट रहे हैं. इतना लंबा सफर तय करने के बाद जब प्रवासी मजदूर यूपी बॉर्डर पर पहुंचे तो जनपद पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया.
जनपद में हर रोज दूसरे राज्यों से पलायन करके हजारों मजदूर वाहनों में छिपकर पहुंच रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों का पलायन पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. पुलिस लगातार इनके वाहनों को बॉर्डर से वापस कर रही है. वापस होने के बाद मजदूर खेतों में छिप जाते हैं और रात होते ही यह सभी खेतों से होते हुए यूपी की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे मजदूरों की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन द्वारा इन्हें क्वारेंटाइन कर दिया जाता है.
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो पा रहा पालन
प्रवासी मजदूर कंटेनर, ट्रक, मैजिक, लोडर गाड़ी और बाइक से अपने घरों के लिए वापस आ रहे हैं. गाड़ियों में वे अधिक संख्या में बैठ रहे हैं और उन्हें छिपाने के लिए ऊपर से तिरपाल या किसी अन्य वस्तु का प्रयोग करते हैं. जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो पा रहा है.
प्रवासी मजदूरों ने सुनाई आपबीती
झांसी : महाराष्ट्र से पलायन को मजबूर प्रवासी मजदूर, सुनाई आपबीती
झांसी में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की तरफ से यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया जा रहा है. ऐसे में मजदूर खेतों में बैठ जाते हैं और रात होने पर बॉर्डर पार करके जनपद में प्रवेश कर जाते हैं. मजदूरों का कहना है कि उनके पास जो बचे खुचे पैसे थे वह भी खर्च हो गए इसी कारण वह अपने घर लौटने को मजबूर हैं.
रामकृपाल सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं. मुंबई में दैनिक मजदूरी करने के लिए गए थे. आपबीती सुनाते हुए कहते हैं कि वहां हमें भूखा रहना पड़ रहा था. हमने लॉकडाउन से पहले जो कुछ थोड़ा बहुत रुपया कमाया था. उसी से सामान लेकर अपना पेट भरते थे. हम वहां बहुत परेशान थे इसके बाद हमें अपने गांव की एक गाड़ी मिली. हम सब डीजल डलवाकर अपने गांव के लिए निकल आए.
रामकृपाल का कहना है कि महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक पुलिस ने हमें देखा और आगे जाने दिया. वहीं सिद्धार्थनगर के ही रहने वाले इमरान और उसके तमाम साथी अपनी बाइक से 5 दिन का सफर करके यूपी बॉर्डर पर पहुंचे. कई मजदूर अपने परिवार के साथ सफर पूरा कर रहे हैं. उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं.