झांसी: कोरोना के चलते गांव लौट रहे मजदूरों को मनरेगा में काम मिल रहा है या नहीं इसका सत्यापन प्रदेश स्तरीय मनरेगा सेल के लोकपाल की तरफ से किया जा रहा है. इसी कड़ी में जिले स्थित मोंठ ब्लॉक में लोकपाल चंद्रकांत रावत ने मनरेगा कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी प्रवासियों को गांव में काम मिले और कोई भूखा न रहे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी.
लोकपाल ने किया निरीक्षण
शनिवार को प्रदेश मनरेगा सेल के झांसी मंडल प्रभारी लोकपाल चंद्रकांत रावत ने मोंठ ब्लॉक स्थित राजस्व ग्राम वरथरी स्टेट में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से गांव में मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली. लोकपाल ने वित्तीय वर्ष 18-19 और वर्ष 19-20 के कार्यों का स्थलीय सत्यापन किया.
झांसी पहुंचे लोकपाल चंद्रकांत रावत ने मनरेगा कार्यों का लिया जायजा
यूपी के झांसी जिले में लोकपाल चंद्रकांत रावत ने मनरेगा कार्यों का जायजा लिया. इसके साथ ही गांव में बैठक कर लोगों की समस्याएं सुनीं. इस दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से गांव में मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों की जानकारी भी ली.
लोगों कीजानीं समस्याएं
लोकपाल ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले. साथ ही साथ कार्यों को गति देने पर जोर दिया जाए. इस दौरान लोकपाल ने गांव में खुली बैठक का आयोजन कर लोगों की समस्याएं भी सुनीं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर कार्य करने की बात कही. ग्राम पंचायत विकास अधिकारी प्रदीप प्रजापति ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें गांव में ही रोजगार दिलाया जा सके. इस मौके पर ग्राम प्रधान मुलायम सिंह, एपीओ मनरेगा पुष्पेंद्र वर्मा,तकनीकी सहायक आनंद गुप्ता और अन्य लोग मौजूद रहे.
शासन को रिपोर्ट करते हैं लोकपाल
खंड विकास अधिकारी मोंठ सुभाष नेमा ने बताया कि मनरेगा योजना में पारदर्शिता लाने के लिए शासन स्तर पर लोकपाल की नियुक्ति सलाहकार के रूप में की गई है. वहीं किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर लोकपाल शासन को सीधा रिपोर्ट करते हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई भी की जाती है. मोठ ब्लॉक में सभी ग्रामों में मनरेगा के कार्य व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे हैं. बाहर से आए मजदूरों को गांव में ही मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.