गौरतलब है कि राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज (Government Polytechnic College) के छात्रावास में 11 अक्टूबर 2020 को एक नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म (gang rape with minor girl) की घटना को अंजाम दिया गया था. इस सनसनीखेज वारदात में कॉलेज के ही आठ छात्रों को आरोपी बनाया गया था. सभी जेल में बंद हैं. 23 महीने पहले नाबालिग छात्रा से किए गए गैंगरेप में शनिवार को पॉक्सो एक्ट, गैंगरेप, डकैती समेत 11 धाराओं में सभी को दोषी माना था. सोमवार को सभी आठों आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
इस मामले में अधिवक्ता विजय सिंह (Advocate Vijay Singh) ने ठोस पैरवी करते हुए आरोपियों को सजा दिलाई और पीड़िता को 23 माह बाद इंसाफ मिला. इस पूरे घटनाक्रम को निर्भया कांड से बड़ा होने से बचाने में झांसी पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एसआई विक्रांत (SI Vikrant) की तत्परता काम आई. विक्रांत समय पर नहीं पहुंचते, तो यह घटना देश की सबसे बड़ी चर्चित निर्भया कांड घटना से भी बड़ी घटना बनती. 33 गवाह गुजरे, सभी गवाह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित रहे और आखिरकार इंसाफ मिल गया.
सोमवार को सभी आठ आरोपियों को जिला कारागार से पुलिस अभिरक्षा में दोपहर बारह बजे न्यायालय में पेश किया गया. आरोपियों की ओर पक्ष रखते बताया गया कि सभी आरोपी पढ़ने वाले छात्र हैं और उनके खिलाफ पहले कोई अपराध दर्ज नहीं है. वहीं, अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने पीड़िता की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि नाबालिग छात्रा से गैंगरेप एक जघन्य अपराध है, जो माफी और सजा कम करने लायक नहीं है.
सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 9 ने आरोपी पक्ष की दलील को खारिज करते हुए सभी आठों आरोपियों को गैंगरेप और पाक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने माना आरोपियों ने जो गुनाह किया वह माफी करने लायक नहीं और अगर घटन समय पुलिस समय पर नहीं पहुंचती, तो ओर भी बड़ी घटना हो सकती थी. सजा का ऐलान होने के बाद सभी आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में दोपहर बाद न्यायालय से जिला कारागार में बंद कर दिया गया है.
अधिक से अधिक सजा देने के लिए हुई थी रासुका की कार्रवाई
तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी और डीएम आंद्रा वामसी के निर्देशन मे गठित पुलिस टीमों ने 24 घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस ने आरोपियों को अधिक से अधिक सजा देने के लिए रासुका की भी कार्रावाई की थी.
ऐसे दिया था घटना को अंजाम
विशेष लोक अभियोजक विजय कुशवाहा ने बताया कि 11 अक्टूबर 2020 को 16 साल की छात्रा स्कूटी से ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रही थी. रास्ते में पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास आरोपियों ने उसको रोक लिया. मारपीट करते हुए उसे कॉलेज के हॉस्टल में ले गए और वहां पहले से लड़की का दोस्त मौजूद था. आरोपियों ने मारपीट कर छात्रा और उसके दोस्त के अश्लील फोटो और वीडियो बनाया.
इसके बाद ब्लैकमेल कर छात्रा से एक हजार रुपये लूटे. इसके बाद छात्रा को साइबर कैफे पर ले गए वहां 2 हजार रुपये ट्रांसफर कराकर ले लिए. छात्रा को वापस हॉस्टल में लेकर आए. यहां सभी 8 आरोपियों ने लड़की के प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की, फिर रोहित नाम के युवक ने हॉस्टल के वॉर्डन रूम में ले जाकर लड़की के साथ रेप किया था. वहीं, मौके पर एसआई विक्रांत सिंह को देखकर आरोपी भाग गए थे.
इनको मिली सजा
महोबा के थाना कुलपहाड़ निवासी रोहित कुमार सैनी, थाना ककरबई निवासी भरत कुमार कुशवाहा, गोंडा के थाना बजीरगंज निवासी शैलेंद्र कुमार पाठक, झांसी के थाना टहरौली निवासी मयंक शिवहरे, प्रयागराज के थाना थरवई निवासी विपिन तिवारी, झांसी के थाना मऊरानीपुर निवासी मोनू पार्या, रानीपुर निवासी धर्मेंद्र सेन व महोबा के कुलपहाड़ निवासी संजय कुशवाहा शामिल हैं.
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