झांसी: प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकार और प्रशासन के तमाम दावे झूठे साबित हो रहे हैं. बहुत सारे मजदूरों को अभी भी पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है. झांसी के मोठ तहसील में ऐसे लोगों का जत्था हर रोज दिखाई दे जाता है, जो साधन न मिलने पर पैदल घर के लिए सफर तय कर रहे हैं.
झांसी में पैदल सफर करने को मजबूर हैं मजदूर - कोरोना वायरस
सरकार और प्रशासन भले तमाम दावे कर रहे हों लेकिन अभी भी मजदूर पैदल चलने को मजबूर हैं. मजदूरों का पैदल जाना प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल रहा है.
50 किमी का सफर पैदल तय कर पहुंचे मोठ
सुधीर कुमार मण्डल ने बताया कि वह कटिहार के रहने वाले हैं और अपने घर वापस जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के पंडोखर में काफी समय से फंसे हुए थे. अभी तक 50 किमी का सफर पैदल तय करके मोठ आये हैं और हाईवे से होकर कटिहार जा रहे हैं. अफसरों को फोन लगाया लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. हमारे साथ पंद्रह लोग हैं और सभी लोग पैदल घर जाने को मजबूर हैं.
दूसरी ओर झांसी के डीएम आंद्रा वामसी बताते हैं कि मध्य प्रदेश के जिलों से हमने संवाद स्थापित किया है, जिससे एक साथ मजदूरों की भीड़ जमा न हो सके. हमारी मंशा यह है कि मजदूर कहीं भी सड़क पर पैदल न घूमें. इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए दिन भर श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस चलाये जा रहे हैं.