झांसी: जनपद के मऊरानीपुर का लाल असम में बाढ़ पीड़ितों को बचाने में शहीद हो गया. रविवार की सुबह जवान का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सम्मान के साथ सैनिक को अंतिम विदाई दी गई. इतना ही नहीं पत्नी और बेटे ने पिता को कांपते हाथों से सैल्यूट किया. इस दौरान पूरा वातावरण भारत माता के जयकारों से इलाका गूंज उठा.
सकरार गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह गौर 17 साल पहले सशस्त्र सीमा बल में भर्ती हुए थे. 34वीं बटालियन में तैनात सैनिक की ड्यूटी असम में बाढ़ आने के बाद बचाव कार्य के लिए पश्चिम बंगाल और असम सीमा पर थी. इसी दौरान भूटान बॉर्डर से अचानक पानी का तेज सैलाब आने से बटालियन के 12 जवान तेज बहाव में बह गए. इसमे झांसी के ब्रजेंद्र सिंह भी शामिल थे, जिनका शव शुक्रवार बरामद हुआ था. जैसे ही यह सूचना परिजनों को मिली तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं, रविवार की सुबह सम्मान के साथ सैनिक का पार्थिव शरीर गांव लाया गया, जिसे देखकर परिजनों में कोहराम मच गया. एक के बाद एक लोग जवान के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. परिवार को रोता-बिलखते देख सभी की आंखें नम हो गईं.