झांसी:पत्नी की हत्या के आरोपी को 42 कार्य दिवस में आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने यह सजा शुक्रवार को सुनाई. इसके साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मृदुल कान्त श्रीवास्तव और रवि प्रकाश गोस्वामी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए वादी मुकदमा सहदेव (मृतका शारदा देवी का बेटा) ने बताया कि 8 अक्टूबर 2021 रात 20:30 बजे उनके माता पिता में किसी बात को लेकर विवाद होने लगा. उसी दौरान पिता ने घर में पड़ी लोहे की रॉड उठाकर मां शारदा देवी के सिर में मार दी. आनन-फानन में उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उपचार के दौरान डॉक्टर ने हालत गंभीर बताते हुए ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया. रास्ते में सुबह करीब 5 बजे उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद भेज दिया गया. आरोप पत्र जिला सत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. मुकदमे की सुनवाई कर रहे जिला सत्र न्यायाधीश जफीर अहमद की अदालत में पहला बयान 24 फरवरी को दर्ज हुआ. मुकदमे की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता मृदुल कांत श्रीवास्तव और सहयोगी रवि प्रकाश गोस्वामी ने लगातार प्रतिदिन आरोपी की सुनवाई करते हुए जिरह और गवाह तलब कर 42 दिन के अंदर मुकदमे की ठोस पैरवी की. इस पर जिला सत्र न्यायालय ने आरोप सिद्ध होने पर पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी पति निर्भय सिंह को आजीवन कारावास की सजा और 20 हजार रुपये अर्थदंड भुगतने का फैसला सुनाया. जुर्माना अदा न करने पर दोषी को दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.
गौरतलब है कि जिला जज द्वारा पिछले कई माह में ऐसे फैसले सुनाए गए हैं, जिसमें कई दुष्कर्म के मामले भी शामिल हैं. इसमें पीड़ित को न्याय दिलाते हुए सुनवाई कर अहम आदेश देते हुए फैसले सुनाए गए. जिला जज के माध्यम से कई ऐसे मामले लोक अदालत के माध्यम से निपटाए गए, जो कई वर्षों से विचाराधीन थे.
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