उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

दिल्ली में किसानों के आंदोलन को समर्थन, यहां भी अनिश्चितकालीन धरना जारी - opposition to central agricultural laws

दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में झांसी के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी है. कचहरी चौराहे पर स्थित गांधी उद्यान पर जिले भर के किसान दिन-रात धरने पर बैठे हैं. सर्द मौसम में किसान इसी धरना स्थल पर सोते भी हैं और यहीं खाना बनाकर खाते हैं.

jhansi
किसानों का अनिश्चितकालीन धरना

By

Published : Jan 1, 2021, 1:27 AM IST

Updated : Jan 1, 2021, 10:31 AM IST

झांसीः दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी है. कचहरी चौराहे पर स्थित गांधी उद्यान पर जिले भर के किसान दिन-रात धरने पर बैठे हैं. सर्द मौसम में किसान इसी धरना स्थल पर सोते भी हैं और यहीं खाना बनाकर खाते हैं. किसान रक्षा पार्टी के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन में कृषि कानूनों के विरोध के साथ ही किसानों के स्थानीय मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जा रहा है.

धरना स्थल पर किसानों ने डाला डेरा
इन मांगों को लेकर किसानों का अनिश्चितकालीन धरनाकिसानों के स्थानीय मुद्दों में प्रधानमंत्री फसल बीमा का लम्बित भुगतान, किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को भुगतान देने, बांधों के निर्माण में विस्थापित हुए किसानों को मुआवजा देने, आवारा जानवरों की समस्या से किसानों को निजात दिलाने जैसे मुद्दे भी इस आंदोलन से जोड़े गए हैं. धरना स्थल से हर रोज किसान अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक जाते हैं और फिर वापस धरना स्थल पर आकर बैठ जाते हैं.धरना स्थल पर किसानों ने डाला डेराधरना स्थल पर किसानों ने भोजन बनाने की भी व्यवस्था की है. बहुत सारे किसान यहां से शाम होने के बाद घर वापस चले जाते हैं. लेकिन बहुत सारे किसान इस आंदोलन में अनिश्चितकालीन रूप से डटे हुए हैं. वे यहीं पर डेरा डालकर रात काट रहे हैं. दिन में एक ओर जहां अलग-अलग संगठन और राजनीतिक दल आंदोलन की मदद का आश्वासन देने पहुंचते हैं, तो कई संगठन किसानों को जरुरी सामान भी पहुंचा रहे हैं.

क्या हैं किसानों की मांगे
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने बताया कि यहां दो दिसम्बर से आंदोलन चल रहा है. किसानों की मुख्य मांगें कृषि कानूनों को वापस लेने की है. किसानों का कहना है कि जिस बाजार में बैठकर वह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उसके 70 प्रतिशत खरीददार किसान ही हैं. किसानों का आरोप है कि कृषि बीमा का उनसे प्रीमियम लिया जाता है, लेकिन फसल का नुकसान होने पर भुगतान नहीं दिया जाता. बुन्देलखण्ड में जितने भी बांध बने हैं, उनमें जिन किसानों की जमीन ली गई, उनमें से बहुत सारे किसानों का अभी भी भुगतान नहीं किया गया है. किसानों ने उनको जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग की.

Last Updated : Jan 1, 2021, 10:31 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details