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निकाय चुनाव 2023 के मतदान से पहले पानी नहीं तो वोट नहीं, सड़क नहीं तो वोट नहीं के गलियों में लगे पोस्टर

झांसी और आजमगढ़ में लोगों ने अपनी समस्या का समाधान नहीं होने पर नगर निकाय चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. इसके लिए झांसी में लोगों ने पानी आपूर्ति की समस्य को लेकर पानी नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर लगाए है. तो वहीं, आजमगढ़ में व्यापारियों ने रोड नहीं तो वोट नहीं को पोस्ट लगाए हैं.

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Published : Apr 28, 2023, 4:50 PM IST

झांसी/आजमगढ़: जिलेमें कई इलाके ऐसे हैं जहां लंबे समय से पानी की समस्या बनी हुई है. खास तौर पर झांसी किले की तलहटी में बसे आसपास के इलाकों में और मुख्य शहर के बाहर विकसित हुई नई कालोनियों में गर्मी आते ही समस्या और भी बढ़ जाती है. शिवाजी नगर कॉलोनी के निवासियों ने चुनावी मौसम देखते हुए गली मोहल्ले में पानी नहीं तो वोट नहीं के बैनर टांग दिए हैं. जिससे चुनावी तापमान बढ़ गया है.

पानी नहीं तो वोट नहीं के पोस्ट झांसी में
झांसी के शिवाजी नगर के पास स्थित राजपूत कॉलोनी में पानी की समस्या काफी जटिल और पुरानी है. यहां के निवासी पीने के पानी के लिए परेशान रहते हैं. खासकर जब गर्मी का मौसम आता है, तो जल स्तर बहुत नीचे चला जाता है. ऐसे में टैंकर के द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाती है. सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद यहां पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो सका है. हर बार चुनाव में यहां के वाशिंदे पानी आपूर्ति को मुद्दा बनाते हैं. लेकिन, कोई समाधान नहीं होता है.
इसीलिए इस बार नगर निगम चुनाव के दौरान लोगों ने कॉलोनी में पानी नहीं तो वोट नहीं के बैनर टांग दिए गए हैं. लोगों ने चुनाव में मतदान न करने का भी मन बना लिया है. जिससे राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है. सभी दलों के राजनेता अब इन लोगों से संपर्क कर चुनाव जीतने के बाद पेयजल समस्या का हल कराने का दावा कर रहे हैं. मगर क्षेत्र के निवासी इस बार नेताओं की बातों के जाल में नहीं फंसने की बात कर रहे हैं. ऐसे में नगर निकाय चुनाव में पानी आपूर्ति एक बड़ा मुद्दा बन गया है. शुक्रवार को राजपूत कॉलोनी के निवासियों ने ऐलान किया है कि पानी नहीं तो वोट नहीं. वहीं, सभी राजनितिक पार्टियों के प्रत्याशियों कहना है कि चुनाव जीतेन के बाद पानी आपूर्ति का मुद्दा सबसे पहले होगा. इसका समाधान किया जाएगा.

आजमगढ़ में लगे रोड नहीं तो वोट नहीं के लगे पोस्टर:इसी क्रम में आजमगढ़ में भी रोड़ नहीं तो वोट नहीं को पोस्टर लगाए हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर रोड नहीं बना तो वोट नहीं देंगे. जिले में गड्डा मुक्ति का अभियान चलाया गया था, लेकिन अभियान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था. जनप्रतिनिधि से लेकर शासन व प्रशासन तक शिकायत भी हुई थी, लेकिन हालत नहीं सुधरे. अब नगर निकाय के मतदान में महज चंद दिन बचे है. तो लोग अब विरोध में उतर आए है. पांच वर्षो से गड्डा मुक्ति नहीं होने से नाराज लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगाकर मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

नगर के बीच शहर के पुरानी कोतवाली से दलालघाट जाने वाला मार्ग पर सैकड़ों गड्डे अपनी कहानी बयां कर रहे है. इसी टूटी सड़क पर करीब पांच वर्षो से चलने को मजबूर नगर के व्यापारी व वार्डों के लोग विरोध में उतर आए है. आसिफगंज के रहने वाले व्यापारियों का कहना करीब पांच वर्षो से यह सड़क टूटी है. पूरे जिले की सड़कें बन गई, लेकिन यह सड़क नहीं बनी है. यही नहीं इसकी शिकायत सांसद से की गई, जब सांसद खुद इसी सड़क से गुजर रहे थे. इसी के साथ नगर पालिकाध्यक्ष व डीएम से भी सड़क खराब होने की शिकायत की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला और सड़क आजतक नहीं बनी. जिसके कारण थक हारकर अब नगर पालिका का चुनाव है, तो पूरे मोहल्ले के लोगों ने मतदान बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

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