झांसी:एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ने लगा है तो दूसरी ओर कोविड वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जिसमें एक अधिवक्ता ने सीएचसी प्रमुख गुरसरांय समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. वहीं, पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
दरअसल, झांसी के शहर कोतवाली अंतर्गत नालंदा ओम गार्डन कॉलोनी में रहने वाले वरिष्ठ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष दोहरे ने शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया है. इसमें उन्होंने बताया कि 9 सितंबर 2022 को पत्नी सुलेखा चौधरी, स्वयं, पिता घनश्यामदास और मां रामदेवी को सीएचसी गुरसरांय में तैनात सतेन्द्र तिवारी ने बिना डोज लगाए ही फर्जी टीकाकरण के प्रमाण पत्र जारी किए थे. जबकि उनकी डोज अन्य किसी को बेच दी गई थी. इसकी शिकायत उन्होंने जिलाधाकीर और सीएमओ से की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
आरोप है कि, 11 सितंबर की रात्रि में जब वह अपनी पत्नी समेत परिवार के साथ अपने मकान के बाहर बैठा हुआ था. इसी दौरान सतेन्द्र तिवारी बीपीएम सीएचसी एक अन्य व्यक्ति के साथ उनके पास आया और कहा कि इसमें उसका कोई दोष नहीं है. झांसी के सीएमओ सुधाकर पाण्डेय के सभी सीएचसी और पीएचसी को निर्देश है कोविड प्रकोशन की 100 प्रतिशत टीके जनता को लगाकर रिकॉर्ड मेंटेन करना है. इस निर्देश को पूरा करने के लिए सीएचसी गुरसरांय प्रमुख डॉ. ओपी राठौर का उन लोगों पर दवाब था. जिस कारण वह इस प्रकार का काम करने पर मजबूर है. इसके अलावा अन्य कई लोगों को इसी प्रकार कागजों में टीका लगाया गया है.