झांसी:जनपद की मोंठ तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव रेव में 8 सितंबर को सुबह 11 बजे वन विभाग के दस्ते ने आदिवासियों का आशियाना उजाड़ दिया. इसके बाद 25 आदिवासी परिवार रोते बिलखते बच्चों को लेकर सड़क पर रहने को मजबूर हो गए है. सभी आदिवासी मां सबरी सहरिया समिति के तत्वावधान में संरक्षक डॉ संदीप सरावगी के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे.(Bulldozer RUN in Rev village)
जहां आदिवासियों ने बताया कि लगभग 25 परिवार आदिवासी वन अधिनियम कानून 2006 के अंतर्गत 25 वर्षों से रेव गांव के जंगलों में रह रहे हैं. अचानक वन विभाग की कार्रवाई से सभी आदिवासी सकते में आ गए है. बस्ती में भारी पुलिस बल के साथ पहुंची टीम ने मशीनों से घर के आंगन व घर के पीछे गड्ढे खोदना शुरू कर दिया. दहशत में आकर महिलायें, बच्चे व बुजुर्ग दूर हो गए. इसके बाद आदिवासी परिवार सड़क पर जीवन यापन करने के लिए मजबूर हो गए हैं.(Baba bulldozer ran on huts)
वहीं, आदिवासियों का कहना है रात में जंगली जानवरों और जहरीले कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है. जिससे कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है. संरक्षक डॉ संदीप सरावगी के साथ सभी आदिवासियों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा या तो आदिवासियों को वहां रहने दिया जाए या अन्यत्र कहीं स्थापित कर दिया जाए वरना सभी आदिवासी बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे. जो बिल्कुल ठीक नहीं है. गौरतलब है कि इस इलाके में वन विभाग की काफी बंजर जमीन है.