झांसी:आपने एक पुरानी कहावत बखूबी सुनी होगी कि "सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का". लेकिन झांसी में जो एक जालसाजी की घटना सामने आई है. उसने इस कहावत को बदल दिया "ससुर भए दारोगा तो दामाद को डर काहे का". जनपद में दारोगा ससुर और दामाद ने मिलकर एक युवक को ठेका दिलाने के नाम पर 11 लाख की ठगी की है. पीड़ित युवक ने ठगी की शिकायत थाने में जाकर की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद युवक ने न्यायालय की शरण ली. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी ससुर (दारोगा), उसके दामाद और एक अन्य के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक, सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के निवासी रोहित चतुर्वेदी (32) प्राइवेट ठेकेदारी का काम करता है. रोहित चतुर्वेदी ने बताया की ठेकेदारी के सिलसिले में उसका आए दिन मध्यप्रदेश में आना-जाना लगा रहता था. इसी दौरान उसकी अंकित सोनी नाम के एक युवक से मुलाकात हुई. जो कि झांसी के थाना रक्सा का रहने वाला है. अंकित सोनी ने रोहित चतुर्वेदी को बताया कि उसके ससुर पुरुषोत्तम सोनी मध्य प्रदेश के थाना चंदेरी जिला अशोकनगर में एएसआई के पद पर हैं.
इसके बाद अंकित ने बताया कि मध्य प्रदेश में पुलिस हाउसिंग का ठेका निकल रहा है. जोकि 50 लाख का है, जिसमें 11 लाख की सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करनी पड़ेगी. इस ठेके को वहां एएसआई के पद पर तैनात उसके ससुर पुरुषोत्तम सोनी आसानी से दिलवा देंगे. इस अंकित सोनी ने रोहित को कई बार अपने दारोगा ससुर से फोन पर बातचीत और एक दो बार आमने-सामने मीटिंग भी कराई. रोहित चतुर्वेदी को ससुर और दामाद ने 11 लाख रुपए की सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करने के तुरंत बाद ही ठेका दिलाने की बात कही.
ससुर और दमाद दोनों की बातों में आकर रोहित चतुर्वेदी ने सिक्योरिटी देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व इंडियन बैंक से लोन ले लिया. रोहित ने लोन में मिले सारे पैसे दारोगा पुरुषोत्तम सोनी और दामाद अंकित को दे दिए. कुछ दिन बीत जाने के बाद जब रोहित ने ठेके की बात कही, तो दोनों आरोपी ससुर और दामाद ने मिलकर कहा अभी कुछ दिन और लगेंगे. जल्दी विभाग से तुम्हारा वर्क ऑर्डर निकलने वाला है. इसके बाद भी समय बीतता चला गया और न ही विभाग से कोई वर्क आर्डर निकला और न ही रोहित को ठेका मिला.