झांसीःजिले में पिछले तीन दिनों से लापता चल रहे अंशुल यादव का शव 72 घंटे बाद एसडीआरएफ और गोताखोरों ने बेतवा नदी से बरामद कर लिया. युवक के हाथ और मुंह लाल रंग के कपड़े से बंधे हुए थे. पुलिस के अनुसार युवक की रंजिशन हत्या कर नदी में शव फेंका गया था. अपहरण का मामला पहले ही दर्ज किया गया था. हत्या का भी मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
झांसी के बरुआसागर थाना क्षेत्र के ग्राम उज्यान का छात्र अंशुल यादव (19) पुत्र अत्तर सिंह तीन दिन पहले अपनी बहन को झांसी रेलवे स्टेशन छोड़ने गया था. इसके बाद वह रहस्यमय तरीके गायब हो गया था. मृतक के दादा अच्छेलाल ने बताया कि अंशुल की बहन घर आई हुई थी. गुरुवार को उसको ससुराल वापस जाना था और उसका झांसी से टिकट था. उसको छोड़ने के लिए अंशुल बाइक से गया हुआ था. वह घर आ रहा था तभी रास्ते में पारीछा से उजयान जाने के लिए बने पीपे के पुल के पास कुछ लोगों ने पीछे से बाइक में टक्कर मार दी. इसके बाद उसका अपहरण कर अपने साथ ले गए.
जब परिजन उसे तलाशते हुए पीपा के पुल पर पहुंचे तो वहां अंशुल की गाड़ी का कांच और चप्पल पड़ी हुई मिली. पुलिस को सूचना देने पर नदी से उसकी बाइक बरामद हुई. पुलिस ने भी अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद से अंशुल को तलाशने के लिए पुलिस के साथ एसडीआरएफ गोताखोरों के साथ जुटी हुई थी. रविवार को अंशुल का शव नदी से बरामद हुआ. मुंह पर लाल रंग की तौलिया बंधी थी. शरीर पर चोट के निशान थे. सीसीटीवी फुटेज में कुछ युवक अंशुल को जबरन गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे हैं. पुलिस को पता चला है कि कुछ दिनों पहले ढाबे में खाना खाते समय अंशुल की इन लोगों से कहासुनी हुई थी. इसी बात की वे रंजिशन रखने लगे थे.