उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बदइंतजामी: ऐसा कोविड हेल्प डेस्क, जहां तैनात मिलेंगी गाय-भैंस

यूपी के झांसी में जिला अस्पताल परिसर में कोविड हेल्पडेस्क बनाई गई है. कहने को यहां संभावित कोरोना मरीजों को जानकारी दी जाती है, लेकिन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि हेल्पडेस्क किस तरीके से गाय-भैंसो का तबेला बना हुआ है. उदासीनता का आलम यह है कि जब आकस्मिक वार्ड में तैनात चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो वह कहने लगे कि क्या हम इलाज छोड़कर गेट पर खड़े रहें.

झांसी की कोविड हेल्प डेस्क का नजारा.
झांसी की कोविड हेल्प डेस्क का नजारा.

By

Published : Aug 4, 2021, 12:46 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 1:29 PM IST

झांसी: जिला अस्पताल परिसर में बना कोविड हेल्पडेस्क इन दिनों आवारा जानवरों का तबेला बन गया है. आलम यह है कि यहां आने वाले लोगों को जानकारी या मदद देने के लिए डॉक्टर या स्टाफ भले उपलब्ध न हो, लेकिन जानवरों का झुंड जरुर जमा रहता है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण मिनर्वा चौराहे के आसपास भटकने वाले आवारा जानवर जिला अस्पताल परिसर में आकस्मिक वार्ड के सामने पहुंच जाते हैं. इसी स्थान पर कोविड हेल्प डेस्क के कई काउंटर बने हुए हैं. यहां दोपहर 2 बजे तक डॉक्टरों और स्टाफ की तैनाती रहती है, जो संभावित कोविड मरीजों को जानकारी देते हैं. कहने को तो ये कोविड हेल्पडेस्क है, लेकिन यहां दोपहर बाद सिर्फ जानवर ही डेरा डाले दिखाई देते हैं.

जिला अस्पताल परिसर में बने कोविड हेल्पडेस्क का नजारा किसी को भी हैरत में डाल सकता है. यहां कोविड हेल्प डेस्क गाय-भैसों का तबेला बना हुआ है. यह आलम तब है जब संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार दावे कर रही है कि सभी तरह के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं और अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, लेकिन जिला अस्पताल की ये तस्वीरें बताती है कि यहां कोविड को लेकर किस तरह की उदासीनता है. अस्पताल प्रशासन कभी ऑक्सीजन की किल्लत तो कभी संसाधनों का रोना रोता रहता है, लेकिन जो संसाधन उपलब्ध हैं उनके उपयोग की तस्वीर देखकर कोई भी हैरत में पड़ जाए. बदइंतजामी का यह आलम उस अस्पताल का है, जहां जिले के जिम्मेदार अफसर अक्सर निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं. जब यहां के हालात ऐसे हैं तो दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है.

झांसी की कोविड हेल्प डेस्क का नजारा.

इस सम्बन्ध में मौके पर मौजूद जिला अस्पताल के एक कर्मचारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उसने बात करने और जानकारी देने से इनकार कर दिया. आकस्मिक वार्ड में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप यादव ने बताया कि इसको देखने के लिए कोई चौकीदार लगा होगा या फिर हम इलाज छोड़कर गेट पर खड़े रहें. इस हेल्पडेस्क का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक है. जो व्यवस्थाएं खराब हैं, उसके बारे में जानकारी सीएमएस ही दे सकेंगे.

तबेला बनी कोविड हेल्प डेस्क.
कोविड हेल्प डेस्क में घूमती गाय.

इस बारे में ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए सीएमएस डॉ. केके गुप्ता ने बताया कि बारिश के कारण जानवर घुस आए होंगे. कोविड हेल्पडेस्क पर लगातार काम हो रहा है. वह व्यवस्थाओं को ठीक कराएंगे, जिससे यहां जानवर न घुस सकें.

Last Updated : Aug 4, 2021, 1:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details