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झांसी: सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जाना कोविड की व्यवस्थाओं का हाल - district magistrate andra vamsi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी ली. इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद में कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

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Published : Sep 24, 2020, 9:34 AM IST

झांसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड की टेस्टिंग कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड के संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए मेडिकल टेस्टिंग के कार्य को पूरी क्षमता से संचालित किया जाए. मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने लखनऊ, कानपुर नगर और झांसी सहित 9 जनपदों में विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए कहा कि इन जिलों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में वृद्धि की जाए.

मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी की समीक्षा करते हुए कहा कि हाई रिस्क वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति न दें. जिन्हें आइसोलेशन में रखा गया है, वह प्रॉपर गाइडलाइन का अनुपालन अवश्य करें, यह सुनिश्चित कर लिया जाए. जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि जनपद में लगभग 1,50,000 लोगों की टेस्टिंग की जा चुकी है और यहां का रिकवरी रेट 82% है.

झांसी के डीएम आंद्रा वामसी ने मुख्यमंत्री को कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के बारे में बताया कि पॉजिटिव केस के घर के आसपास के लोगों की भी टेस्टिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि कोविड एल-3 हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे संचालित हैं, जिनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है. कैमरे के माध्यम से मरीजों से परिवार जनों से लगातार बातचीत भी की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने जनपद में हो रही मौतों के बारे में मेडिकल कॉलेज के उप प्रधानाचार्य से बात की और मौतों के कारण की जानकारी ली. इस संबंध में डॉक्टर एनएस सेंगर ने मुख्यमंत्री को बताया कि मरीज काफी देर से आ रहे हैं. उनको वेंटिलेटर पर बचाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि जो मरीज आ रहे हैं, उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम है, जिस कारण उन्हें सीधे वेंटिलेटर पर ले जाना पड़ता है और वहां से उन्हें सुरक्षित करना काफी मुश्किल है.

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